Business Wire Indiaअंतरिक्ष में होने वाली प्रमुख गतिविधियों से दुनिया काफी हद तक अनजान है जबकि अंतरिक्ष के प्रति वैश्विक उपभोक्ता दृष्टिकोण के सबसे बड़े प्रतिनिधि सर्वेक्षण के अनुसार जेन-जेड स्पेस का सबंध एलियन से जोड़ेंगे और पुरानी पीढ़ी के मुकाबले स्टार वार्स तथा एलोन मस्क और जेफ बेजोस जैसे अरबपतियों के साथ जोड़ने की संभावना दूनी है1 वैश्विक, मोबाइल उपग्रह संचार में दुनिया भर में अग्रणी इनमारसैट (Inmarsat) ने यह खुलासा किया है।
रिपोर्ट, व्हाट ऑन अर्थ इज द वैल्यू ऑफ स्पेस (What on Earth is the value of space) में पाया गया है कि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग, जो मनुष्य के पहली बार चांद पर चलने रे समय किशोर थे, अब जेन-जेड की तुलना में अधिक आशावादी और उम्मीद करने वाले हैं। वे अंतरिक्ष को अनुसंधान और अन्वेषण, रॉकेट और उपग्रहों के साथ जोड़ने की अधिक संभावना रखते हैं – क्योंकि अंतरिक्ष की उनकी समझ विज्ञान-कथा की तुलना में विज्ञान में अधिक निहित है।
केवल एक चौथाई जनता (23 प्रतिशत) ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण ‘महत्वपूर्ण’ है। लगभग आधे (46 प्रतिशत) अंतरिक्ष के बारे में सोचते समय उपग्रहों पर विचार करते हैं, जबकि 37 प्रतिशत चंद्रमा और मंगल के अभियानों के बारे में सोचते हैं, 21 प्रतिशत एलियंस के बारे में सोचते हैं, और लगभग 10 में से 1 स्टार वार्स (9 प्रतिशत) के बारे में सोचते हैं। विश्व स्तर पर 10 में से 1 से भी कम लोग संचार और कनेक्टिविटी के बारे में सोचते हैं।
हैली के धूमकेतु के बजाय हॉलीवुड पर ध्यान केंद्रित करना तय करता है कि स्पेस यानी अंतरिक्ष के बारे में उत्तरदाताओं की राय कैसी है। केवल एक तिहाई लोग (34 प्रतिशत) अंतरिक्ष के बारे में ‘उत्साहित’ महसूस करते हैं, जबकि 18 प्रतिशत घबराहट महसूस करते हैं – केवल 38 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि वे ‘ऊपर’ जो कुथ है के बारे में अधिक जानते। एक चौथाई (24 प्रतिशत) लोग अंतरिक्ष से ‘अभिभूत’ महसूस करते हैं, जो सार्वजनिक चेतना पर कब्जा करने वाली हाल की फिल्म जैसे डोंट लुक अप के मद्देनजर कोई वास्तविक आश्चर्य नहीं है।
इनमारसैट के सीईओ राजीव सूरी ने कहा: “यह रिपोर्ट हमारे उद्योग के लिए एक वेक-अप कॉल होनी चाहिए। ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तविक दुनिया में अंतरिक्ष को कम महत्व दिया जाता है और गलत समझा जाता है। कई मायनों में, एक समाज के रूप में हमारे पास जो ज्ञान है, वह गलत और अधूरा है।
“अंतरिक्ष पृथ्वी पर सभी के लिए बेहतर जीवन जीने का तरीका संभव कर सकता है, लेकिन सार्वजनिक समर्थन बेहतर भविष्य के लिए इस महत्वपूर्ण योगदान को बना या बिगाड़ देगा। अंतरिक्ष को एक नए नैरेटिव (आख्यान) की जरूरत है और हमारे लिए यह समय है ताकि हम दुनिया के लिए इसका मूल्य को परिभाषित कर सकें। वैश्विक समुदाय अनियंत्रित उपग्रह के मलबे, गिरने वाले क्षुद्रग्रहों और पर्यावरणीय क्षति के डर को लेकर आमराय हैं। इतनी दूर आकर, हम खराब प्रबंधन, भय, अज्ञानता या निष्क्रियता के जरिये अंतरिक्ष के उपहार को नष्ट करने का जोखिम नहीं उठा सकते। अंतरिक्ष में स्थिरता के बिना पृथ्वी पर स्थिरता नहीं हो सकती। जिम्मेदार अंतरिक्ष अन्वेषण और सख्त नियमन जरूरी है।” (Responsible space exploration and stricter regulation is a must)”
पृथ्वी पर हमारी कुछ प्रमुख चुनौतियों को हल करने के लिए अंतरिक्ष केंद्र के लिए लोगों की महत्वाकांक्षाएं – नए ऊर्जा स्रोत, आवश्यक संसाधन ढूंढना और जलवायु परिवर्तन को हल करने में मदद करना है । हालाँकि, यह अभी तक हमारे डर का प्रतिकार नहीं करता है – क्योंकि 97 प्रतिशत वैश्विक आबादी को लगता है कि अंतरिक्ष एक खतरा है।
यह चिंता इस तथ्य में परिलक्षित होती है कि 9 में से 1 व्यक्ति अंतरिक्ष में क्या हो सकता है से ‘भयभीत’ है – अंतरिक्ष कबाड़ और कक्षा में टकराव (47 प्रतिशत), प्रदूषण (39 प्रतिशत), और पृथ्वी के वातावरण को नुकसान पहुँचाने के साथ (35 प्रतिशत) को शीर्ष खतरों के रूप में देखा जाता है। वृद्ध लोग अंतरिक्ष कबाड़ के बारे में अधिक चिंतित हैं, जबकि युवा पीढ़ी पर्यावरणीय प्रभाव से सबसे अधिक डरती है। स्पष्ट है कि अंतरिक्ष के सकारात्मक प्रभाव की जनता पूरी तरह से सराहना नहीं कर रही है।
अंतरिक्ष उद्योग में हाल ही में प्रवेश करने वाले अंतरिक्ष की पेशकश के बारे में अधिक आशावादी हैं। चीन में लगभग आधे उत्तरदाताओं का मानना है कि अंतरिक्ष आवश्यक संसाधनों के लिए एक नया स्रोत प्रदान कर सकता है जबकि विश्व स्तर पर ऐसा मानने वाले एक तिहाई हैं। 10 में से 6 दक्षिण कोरियाई सोचते हैं कि अंतरिक्ष नए ऊर्जा स्रोतों की कुंजी हो सकता है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात में सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में आधे अंतरिक्ष को जलवायु परिवर्तन को हल करने में मदद करने का एक तरीका के रूप में देखते हैं।
भारत के पांच में से दो (41 प्रतिशत) निवासी अंतरिक्ष कबाड़ और अंतरिक्ष में टकराव को लेकर चिंतित हैं; 38 प्रतिशत डरते हैं कि अंतरिक्ष गतिविधि पृथ्वी के वायुमंडल को नुकसान पहुंचाती है और 46 प्रतिशत को डर है कि हम अंतरिक्ष को प्रदूषित कर सकते हैं। भारत में रहने वाले लोगों में से एक चौथाई (24 प्रतिशत) – वैश्विक आंकड़े से कहीं अधिक – अंतरिक्ष उद्योग के तहत काम करना चाहते हैं (वैश्विक स्तर पर 14 प्रतिशत); 37 प्रतिशत भारतीय निवासी (वैश्विक स्तर पर 32 प्रतिशत) अंतरिक्ष की संभावनाओं के बारे में आशान्वित हैं, 42 प्रतिशत (वैश्विक स्तर पर 38 प्रतिशत) चाहते हैं कि वे अंतरिक्ष के बारे में अधिक जानते और 46 प्रतिशत (बनाम वैश्विक स्तर पर 34 प्रतिशत) अंतरिक्ष में जो कुछ हो सकता है उसे लेकर उत्साहित महसूस करते हैं।
इनमारसैट के बारे में
इनमारसैट – हवा में, समुद्र में और जमीन पर – दुनिया में अग्रणी, नवोन्मेषी, उन्नत और असाधारण रूप से विश्वसनीय वैश्विक, मोबाइल संचार प्रदान करता है – जो समुद्री और विमानन क्षेत्र में डिजिटलीकरण सहित वाणिज्यिक, उद्यम, सरकार और मिशन-महत्वपूर्ण सेवाओं की एक नई पीढ़ी को सक्षम बनाता है।
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1 अंतरिक्ष के प्रति दृष्टिकोण के सबसे बड़े स्वतंत्र वैश्विक प्रतिनिधि उपभोक्ता सर्वेक्षण में (18-65+ वर्ष की आयु) के 20,000 उत्तरदाता शामिल थे। इनमें यूके (3,000), यूएस (2,000), ब्राजील (2,000), कनाडा (2,000), जर्मनी (2,000) में ऑस्ट्रेलिया (2,000), चीन (2,000), भारत (2,000), दक्षिण कोरिया (1,000), जापान (1,000) और संयुक्त अरब अमीरात (1,000) लोग थे। इनमारसैट की ओर से यह अध्ययन अप्रैल 2022 में योंडर कंसल्टिंग द्वारा किया गया था।
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