नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र):
देश में 41 प्रतिशत लोग अभी भी पूरी तरह से खेती पर निर्भर है। खेती–किसानी में आने वाली दिक्कतों के कारण हजारों किसान हर साल आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते हैं। उनके लिए बैंक लोन और फिर साहूकारों से मदद दो ही रास्ते होते हैं और ये दोनों ही रास्ते उनके लिए काल साबित हो रहे हैं। सरकार ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देकर उनकी मदद करने को कोशिश की है। लेकिन इस कार्ड को लेने वाले को भी कुछ तरह की परेशानियों से दोचार होना पड़ रहा है।
किसान के लिए जरूरत के समय पैसा होना भारत में एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस लिहाज से किसान क्रेडिट कार्ड किसानों का मददगार बनकर सामने खड़ा होता है। इस के जरिए किसानों को समय पर आसानी से कर्ज मिल जाता है जिससे किसान खेती के लिए उपकरणों के अलावा बीज एवं जीवन संबंधी कार्यों को सुचारु रूप से कर पाता है।
क्या है किसान क्रेडि टकार्ड?
किसानों को समय पर जरूरत के हिसाब सेऋण उपलब्ध कराने के लिए ये योजना शुरू की गई थी। इस कार्ड को बहुत ही सरल और सहज तरीके से प्राप्त किया जा सकता है। इसके जरिए किसान कोअपनी कृषि संबंधी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा उधार मिल सकता है। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को एक क्रेडिट कार्ड और पास बुक उपलब्ध कराई जाती है जिसमें उपभोक्ता का नाम, पता,जमीन की जानकारी, उधार की अवधि, कार्ड की मान्यता अवधि और उपभोक्ता की पासपोर्ट साइज फोटो समेत तमाम जानकारियां होती हैं। इस कार्ड का इस्तेमाल किसान अपने परिचय पत्र की तरह से भी कर सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड किसने शुरू किया?
किसान क्रेडिट कार्ड वर्ष 1998 – 99 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शुरू किया था। उन्होंने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि इस योजना के तहत बैंक की तरफ से किसानों को एक तरह से गोद ले लिया जाएगा और उन्हें खेती किसानी के लिए बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने में अर्थिक मदद दी जाएगी । इस योजना को तमाम प्रमुख बैंको ने रिजर्व बैंक के साथ मिलकर शुरू किया।
किसान क्रेडिट कार्ड आपके लिए कैसे है फायदेमंद ?
- किसान क्रेडिट कार्ड को बहुतही आसानी से हासिल किया जा सकता है जिसे कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसान को हर साल कर्ज लेने के लिए तमाम औपचारिकताएं बार-बार नहीं करनी पड़तीं । इस तरह ये काम समय की बर्बादी और तनाव दोनों से बचाता है।
- इसमें किसान को कर्ज क्रेडिट के तौर पर मिल जाता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान बिना किसी चिंता के अपने खेत के लिए बीज, खाद और कीटनाशक खरीद सकता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज की अदाय़गी किसान की सुविधा के हिसाब से फसल तैयार होने और उसके बिकने के बाद तक हो सकती है।
- किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान बैंक की किसी भी शाखा से कर्ज ले सकता है।
किसेमिलसकताहैकिसानक्रेडिटकार्ड?
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए वेस भी किसान पात्र हैं जो कृषि कार्य से जुड़े हों।
- किसी दूसरे के खेत में खेती – किसानी का काम करने वाला किसान भी किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए जरूरी है कि किसान उस बैंक के कार्य क्षेत्र की सीमा के अंतरगत ही निवास करता हो ।
किसान क्रेडिट कार्ड से किन चीजों के लिए मिलता है कर्ज?
किसान क्रेडिट कार्ड से आप बीज, खाद, फसल कटाई के बाद के खर्च के अलावा जानवरों पर आने वाले ख्रर्च और कृषि संबंधी अन्य गतिविधियों के लिए कर्ज लेसकते हैं। इसके अलावा इसका फायदा किसान के घर की जरूरतों को पूरा करने और काम शुरू करने के लिए पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए भी उठाया जा सकता है ।
कर्जकीसीमाऔरतकनीकीसहायता
किसान क्रेडिट कार्ड कई मायनों में किसानों के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने में मददगार होता है। इसके माध्यम से सिंचाई की पर्याप्त सुविधाओं के साथ मिट्टी और जलवायु की गुणवत्ता का पता लगाने में आसानी होती है। किसान क्रेडिट कार्डउ त्पादन के अलावा उपज भंडारण की सुविधा हासिल करने में भी सहायक होता है।
जहां तक किसान की क्रेडिट या कर्ज राशि की सीमा का सवाल है इसका निर्धारण निम्न बातों के आधार पर तय होता है-
- कृषि योग्य क्षेत्र
- पूर्व उत्पादन
- खेत की उर्वरता
- खेत को उपज के लिए तैयार करने में लगने वाला खर्च
किसान क्रेडिट कार्ड मे लोन सुविधा
किसान क्रेडिट कार्ड में पहले साल कम समय वधि के लिए क्रेडिट लिमिट तय की जाती है जिसका निर्धारण फसलों की खेती और प्रस्तावित फसल पद्धति पर तय होता है।
अगामी फसल और जरूरत के हिसाब से लोन लिया जा सकता है।
फसलों की देखरेख, उनका बीमा, किसानों की परिसंपत्तियों औरदुर्घटना बीमा के लिए भी लोन की सुविधा है।
किसान क्रेडिट कार्ड में किसान को पहले पांच साल तक हर साल लोन सीमा में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी दी जाएगी और उसे पहले साल कम समयवधि की जो क्रेडिट सीमा दी गई थी उसे पांचवें साल में बढ़ा क 150 फीसदी तक कर दिया जाएगा।
खेती के लिए खरीदे गए उपकरणों और औजारों प र हुए खर्च और साल भर के भीतर लौटाई गई रकम क्रेडिट लिमिट तय करने में मायने रखती है।
किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को एक डेबिट कार्ड दिया जाता है साथ ही उन्हें उसका इस्तेमाल करना भी सिखाया जाता है।
अगर किसी किसान की क्रेडिट लिमिट 3 लाख हो जाती है तो उसका लोन प्रोसेसिंग शुल्क माफ कर दिया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड हर साल निर्धारित तारीख और शर्तों के हिसाब से रिन्यू कराना होता है।
किसान क्रेडिट कार्ड की चुनौतियां
हालांकि सरकार का दावा है कि किसान क्रेडिट कार्ड किसानों को बहुत आसानी के साथ मुहय्या हो जाते हैं लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं। ज्यादातर किसानों में इस बात की जागरूकता की कमी है कि इस कार्ड का इस्तेमाल वे कैसे कर सकते हैं बैंक अधिकारी भी किसानों को इस बारे में पर्ययाप्त जानकारी नहीं देते।
कार्ड की उपलब्धता में परेशानी
किसानों की शिकायत रही है कि किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में जिन जानकारियों की उन्हें जरूरत है वे उन्हें नहीं मिल पातीं। कार्ड कैसे मिलेगा, क्या करना होगा, कहां मिलेगा, ऐसी तमाम जानकारियों का घोर अभाव है। इस कारण किसानों को कार्ड हासिल करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
फसल बीमा की किस्त जबरिया काटना
एक अन्य दिक्कत जो सामने आई है वह है किसान क्रेडिट कार्ड से बैंक फसल बीमा का प्रीमियम काट लेते हैं। ऐसा नियम नहीं है। ऐसा सिर्फ तभी किया जा सकता है जबकि किसान ने ऐसा करने के लिए बैंक सेकहा हो। इस तरह की हरकत निजी बैंक ज्यादा करते हैं। पिछले दिनों इस तरह की रिपोर्ट भी आई थी फसल बीमा के मामले में निजी बैंकों हजारों करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। शायद उसकी एक वजह यह भी रही हो।
कार्ड का लाभ चुनिंदा स्थानों पर
किसान क्रेडिट कार्ड की उपलब्धता सभी जगह और बैंकों की सभी शाखाओँ में उपलब्ध नहीं होती है। नियम के हिसाब से किसान के इलाके के कोई भी सरकारी या निजी बैंक उसे यह सुविधा दे सकता है लेकिन यह सुविधा बैंकों की चुनिंदा शाखाओं में ही उपलब्ध होती है। जरूरी है किसान को इस कार्ड के बारे में जागरूकता संबंधी सारी जानकारियां पंचायत केंद्रों पर ही उपलब्ध कराई जाएं और वहां संबंधित बैंकों के प्रतिनिधि भी मौजूद हों।
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