नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र):
घूसखोरी में भारत का कोई तोड़ नहीं। ट्रांसपेरेंसी इंरनेशनल ने इस बारे में एक सर्वेक्षण कराया। ट्रांसपेरेंसी की रिपोर्ट में पाया गया कि एशियाई देशों में भारत सबसे बड़ा घूसखोर देश है।
सर्वेक्षण में ये जानने का प्रयास भी किया गया कि पिछले एक साल में देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है या कम हुआ है। जुलाई से सितंबर के बीच इसी साल कराए गए इस स्रर्वेक्षण में 17 देशों के 20000 लोग शामिल हुए।
एक खास बात जो सर्वेक्षण में सामने आई वो ये कि भारत में घूसखोरी की आदत सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में है। भारत में 39 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्हें सरकारी सुविधओं का इस्तेमाल करने के लिए घूस देनी पड़ी। चीन में ये दर 28 फीसदी, नेपाल में 12 प्रतिशत, बांगलादेश में 24 और जापान में महज 2 प्रतिशत रही।
पुलिस सबसे भ्रष्ट
जिन सरकारी सुविधाओँ के बारे में सर्वेक्षण में पूछा गया उनमें पुलिस, अदालतें, सरकारी अस्पताल और बिजली – पानी जैसी दूसरी बुनियादी सुविधाओँ को शामिल किया था। इन सबमें सबसे ज्यादा घूसखोरी की शिकायत पुलिस के खिलाफ थी। करीब 42 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें पुलिस को रिश्वत देनी पड़ी। पहचान पत्र और दूसरे सरकारी कागजातो के लिए भी 41 प्रतिशत लोगों को घूस देनी पड़ी तब जाकर उनका काम हुआ।
भारत में काम कराने के लिए निजी परिचय का फायदा उठाने और जोर –जुगाड़ लगाने का काम भी खूब होता है। पुलिस, अदालतों और बुनियादी सुविधाओं के लिए करीब 46 प्रतिशत लोगों ने अपने संपर्कों का फायदा उठाया। चीन में ये दर 32 और जापान में सबसे कम यानी सिर्फ 4 प्रतिशत है। इन आंकडों से जाहिर होता है कि भारत में ये सुविधाएं ठीक से काम नहीं कर रही हैं और सरकारी मशीनरी उसका खूब बेजा फायदा उठा रही है।
चुनावी भ्रष्टाचार के मामले में दक्षिण-पूर्व एशियाई देश कहीं आगे हैं। थाईलैंड और फिलीपींस के करीब 28 फीसदी वोटरों ने माना कि उन्होंने पैसे लेकर वोट दिए जबकि इंडोनेशिया में ये दर 26 प्रतिशत रही। भारत इस मामले में चौथे नंबर पर रहा। यहां 18 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने पैसे लेकर वोट दिया।
सरकारी अफसरों द्वारा काम करने के बदले लड़कियों की मांग करने के मामले में भी भारत चौथे नंबर का देश है। यहां 11 फसीदी लोगों ने माना कि उनसे काम कराने के एवज में लड़कियों की मांग की गई थी। इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा 18 प्रतिशत ऐसे मामले सामने आए जबकि श्रीलंका में 17 और थाईलैंड में 15 प्रतिशत लोगों से काम के बदले सेक्स की मांग की गई।
जहां तक पिछले 12 महीनों मे भ्रष्टाचार की स्थिति की बात है, भारत में 47 प्रतिशत लोग मानते हैं कि इस दौरान देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है। वहीं 63 फीसदी ऐसे लोग भी हैं जो ये मानते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ये भी ध्यान देने की बात है कि भारत में 51 प्रतिशत लोगों का सरकार पर या तो एकदम भरोसा नहीं है या बहुत कम यकीन है। यहीं नहीं भारत में 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं और उन्होंने उसके खिलाफ मुंह खोला तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
फोटो सौजन्य – सोशल मीडिया