लखनऊ ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र) :
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ की सरकार ने कथित तौर होने वाली लव जिहाद की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को पास कर दिया है। अध्यादेश वावधानों के अनुसार अंतर-धार्मिक मामलों में शादी से पहले दो महीने की नोटिस देनी होगी और इसके लिए संबंधित ज़िले के डीएम से अनुमति लेनी होग। बिल के मसौदे के तहत जानकारी छिपाकर या ग़लत जानकारी देकर शादी करने पर अधिकतम 10 साल की सज़ा का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कहते रहे हैं कि उनकी सरकार लव जिहाद को रोकने के लिए एक कठोर और प्रभावी कानून बनाएगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में ये भी कहा था कि जो लोग हमारी बहू-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं वे अगर नहीं सुधरे तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा था कि ऐसे अपराधों में शामिल लोगों के पोस्टर गली चौराहों पर लगाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 का उद्देश्य है कि जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से होने वाले धर्म परिवर्तनों को रोका जा सके। इसके साथ ही इस अध्यादेश के माध्यम से दूसरे धर्म में शादी करके किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को भी रोका जा सकेगा। नाबालिग महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने पर भी इसके तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी
धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी और ये बताना होगा कि धर्म परिवर्तन जबरन, दबाव डालकर, लालच देकर या किसी तरह के छल कपट से नहीं किया जा रहा है। अनुमति से पहले 2 महीने का नोटिस देना होगा। ऐसा न करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा होगी, वहीं कम से कम 10 हजार का जुर्माना भी देना होगा।
सिर्फ धर्मांतरण के लिए शादी अमान्य
अगर कोई सिर्फ लड़की के धर्म परिवर्तन के लिए उससे शादी करेगा तो वो शादी शून्य मानी जाएगी यानी उसे अमान्य माना जाएगा।
एक से 10 साल तक की सजा
नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिक से अधिक 5 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही कम से कम 15 हजार का जुर्मान भी देना पड़ेगा। वहीं अगर लड़की नाबालिग या अनुसूचित जाति-जनजाति से हुई तो 3 से 10 साल तक की सजा के साथ कम से कम 25,000 रुपए का जुर्माना देना होगा।
सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई
अध्यादेश के अनुसार, अगर कोई सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 3 साल से 10 साल तक सजा दी जाएगी। इसके अलावा कम से कम 50,000 रुपए का जुर्माना भी देना होगा। साथ ही धर्म परिवर्तन में शामिल संगठनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस अध्यादेश में नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल तक की सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती यानी नॉन बेलिबल होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।
फोटो सौजन्य – सोशल मीडिया