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यूपी के युवा ने क्यों बजाई ताली–थाली, जानिए, क्या हैं इसके निहितार्थ ?

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लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र) : पिछली 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश मे प्रयागराज और उसके अगले दिन यानी 4 जनवरी को राजघानी लखनऊ में एक बार फिर ताली और थाली बजाई गई। लेकिन इस बार प्रयोजन कोरोना को भगाना नहीं था बल्कि राज्य के युवा सरकार से रोजगार की मांग करते हुए ताली और ताली बजा रहे थे। इन युवाओं का आरोप था कि सरकार ने उन्हें रोजगार के नाम पर सिर्फ झांसा देने का काम किया है और समय आने पर वे सरकार को अपनी ताकत का एहसास जरूर कराएंगे।    

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में युवा और उससे संबंधित मसले विमर्श से गायब हैं। बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मसलों पर कोई भी राजनीतिक दल खुल कर मोर्चा लेने से कतरा रहा है। लेकिन सवाल ये है कि क्या सचमुच युवा को हाशिए पर रख कर कोई सत्ता हासिल कर सकता है। अगर पिछले चुनावों के गणित को देखा जाए तो ऐसा लगता नहीं।

युवा वोटर और झांसे की चाशनी

2017 में जब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था उस वक्त राज्य़ के युवा को रोजगार देने का वादा किया गया था। वादा किया गया था सरकार बनते ही 90 दिनों के भीतर सभी खाली पड़े सरकारी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पांच साल बीत गए लेकिन अब भी पांच लाख से ज्यादा सरकारी पद रिक्त हैं।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा रिक्त पद शिक्षकों के हैं।  अक्टूबर 2021 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार,  राज्य में सवा तीन लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली थे। इसके बावजूद पिछले पांच सालों में सरकार ने एक भी नई शिक्षक भर्ती नहीं निकाली। साल 2020 में एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पुलिस, पीएसी, फायर रिजर्व आदि को मिला कर करीब डेढ़ लाख पद और चिकित्सा स्वास्थ्य़ एवं परिवार कल्याण विभाग में करीब 50 हजार पद रिक्त थे।

मार्च 2021 में गृह मंत्रालय़ की एजेंसी बीपीआरडी के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 1 लाख 11 हजार से ज्यादा पुलिस विभाग में रिक्तियां हैं। सीएमआईई के आंकड़ों पर जाएं तो पता चलता है कि प्रदेश में वर्किंग एज पॉपुलेशनन काफी बड़ा होने के बाद भी रोजगार में लगे युवाओं की संख्या काफी कम है। सरकार ने वादा किया था 70 लाख नौकरियां दी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

युवा वोटर ने 2007 में मुलायम सिंह यादव के शासन की राजनीतिक उठापटक से ऊब कर मायावती को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाया था। 2012 में अखिलेश यादव को राज्य की सत्ता मिली। फिर यूपी के युवा वोटरों ने बीजेपी का साथ दिया और वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी।

योगी सरकार से पहले अखिलेश यादव की सरकार ने भी युवाओं से वादा करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। अखिलेश यादव ने भी युवाओं को आकर्षित करने के लिए जमकर लैपटॉप बांटे थे। लेकिन, इसमें भी जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। आज तक ये पता नहीं चल पाया है कि कुल कितने लैपटॉप बांटे गए थे।

कांग्रेस पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में सत्ता में नहीं है लेकिन पार्टी ने युवा ने युवाओं को लेकर लुभावने नारों की कोई कमी नहीं छोड़ी। पिछले चुनावों में पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल किया था और यूपी के दो लड़के का नारा देकर युवाओं को अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया था लेकिन उससे कोई बात बनी नहीं। वे यावओं में भरोसा जगा ही नहीं पाए।

युवा वोटर क्य़ों है निर्णायक

उत्तर प्रदेश में कुल 14.40 करोड़ युवा मतदाता हैं। इनमें से 45 प्रतिशत से ज्यादा वोटरो की उम्र 18 से 40 साल के बीच है। पिछले चुनावों से ये भी जाहिर होता रहा है कि इतने बड़े वोटबैंक को अनसुना करके कोई भी राजनीतिक दल सत्ता तक नहीं पहुंच सकता। भारत में नेशनल सेंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन 15 से 34 वर्ष के आयु वर्ग को य़ुवा की श्रेणी में रखता है।

फिर लगी वादो की झड़ी

इन चुनावो मे बीजेपी ने युवा वोटरों को रिझाने के लिए जनता युवा मोर्चा के जरिए पूरे प्रदेश में यूथ कनेक्ट प्रोग्राम शुरू किया हैयुवाओं को ध्‍यान में रखते हुए अनुपूरक बजट में युवाओं के रोजगार के लिए 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई। स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा आदि पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे एक करोड़ युवाओं को सरकार ने मुफ्त में टैबलेट या स्मार्ट फोन देने का फैसला भी किया गया है।

कांग्रेस ने एलान किया है कि इंटर पास छात्राओं को फ्री स्मार्ट फोन और स्नातक पास बेटियों को स्कूटी दी जाएगी। आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल और लॉ की पढ़ाई करने वाले युवाओं को पार्टी से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनके जरिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कांग्रेस के करीब लाया जा सके। युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रियंका ने ‘बनें यूपी की आवाज’ नाम से नया अभियान चलाया है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी 10 लाख युवाओं को रोजगार, शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक बनाने जैसे वायदे किए हैं। वहीं, बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि अगर राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो यूपी से पलायन रोकने के लिए हर युवा को रोजगार दिया जाएगा।

फोटो सौजन्य-सोशल मीडिया

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