अहमदाबाद ( गणतंत्र भारत के लिए शोध डेस्क) : फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट लिखने वाले अहमदाबाद के 27 साल के एक युवक की 25 जनवरी को हत्या कर दी गई। फेसबुक पोस्ट लिखने वाला युवक हिंदू था और सूचनाओं के अनुसार उसने इस्लाम के खिलाफ फेसबुक पर कुछ अमर्यादित बाते लिखी थीं। इस पोस्ट से कई मुस्लिम कट्टरपंथी नाराज थे। उन्होंने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। युवक को गिरफ्तार किया गया लेकिन उसे बेल मिल गई। बताया जाता है कि, युवक ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट के लिए माफी भी मांगी थी। वारदात के बाद आसपास के इलाकों में हिंदूवादी संगठन लगातार धरना दे रहे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, युवक ने छह जनवरी को फ़ेसबुक पर पोस्ट डाली थी। नौ जनवरी को उसके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई और क़ानूनी कार्रवाई की गई। लेकिन प्रतिवादी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक, परिजनों का दावा है कि, युवक ने विवादास्पद पोस्ट के लिए माफ़ी मांगी थी और सोशल मीडिया पर माफ़ी का एक वीडियो भी पोस्ट किया था।
जिस युवक की हत्या की गई उसका नाम किशन भारवाड़ था और वो अहमदाबाद के धंधुका तालुका इलाके का रहने वाला था। ह्त्या का आरोप इसी इलाके के रहने वाले शब्बीर और इम्तियाज़ नाम के दो युवकों पर है। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद अहमदाबाद के जमालपुर इलाके से मौलवी अयूब को भी गिरफ़्तार किया गया है। मौलवी अयूब पर शब्बीर को उकसाने और हत्या के लिए कारतूस और बंदूक़ उपलब्ध कराने का आरोप है। इसी मामले में, दिल्ली से चौथे अभियुक्त मौलवी कमर गनी अब्बास को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि, मौलाना अयूब, शब्बीर और इम्तियाज भड़काऊ किस्म के वीडियो देखा करते थे और उसे दिखा कर युवकों को उकसाया करते थे। पुलिस ने दावा किया है कि, अयूब ने ही शब्बीर से कहा था कि धार्मिक भावनाओं के संबंध में वो कोई माफी स्वीकार न करे।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि मामले की जांच एटीएस को सौंप दी गई है। सांघवी पीड़ित परिवार से मिलने भी गए और उन्होंने इस मामले में पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
किशन भारवाड़ की मां ने स्थानीय मीडिया से इस बारे में बातचीत करते हुए बताया कि, मेरे बेटे को पहले तो बुरी तरीके से पीटा गया और फिर धोखे से उसकी हत्या कर दी गई। किशन की बहन ने भी ऐसा ही बयान दिया है।
हिंदूवादी संगठनों ने मुद्दा बनाया
घटना को लेकर हिंदूवादी संगठन लगातार धरना और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि वे इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जब तक इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती वे लगातार पीड़ित परिवार के साथ खड़े है। इस घटना के अलावा, ये संगठन अपने विरोध प्रदर्शन में उत्तर गुजरात के बनासकांठा ज़िले में एक हिंदू युवती पर मुस्लिम युवक के कथित हमले की एक घटना को भी मुद्दा बना रहे हैं। पीड़ित युवती के परिवार का दावा है कि प्रणय निवेदन ठुकराए जाने के चलते युवक ने युवती को निशाना बनाया। इस मामले में आरोपी युवक को गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस का दावा है कि, ये मामला वैसा नहीं है जैसा बताया जा रहा है। युवक-युवती एक दूसरे को लंबे समय से जानते थे और मामला पैसे का था।
सांप्रदायिक नहीं, आपराधिक मामला
समाज विज्ञानी पी कुमार का कहना है कि, इस घटना को सांप्रदायिक नजरिए से नहीं बल्कि आपराधिक दृष्टि से देखे जाने की जरूरत है। आजकल सोशल मीडिया पर जिस तरह की सांप्रदाय़िक सामग्री पोस्ट की जा रही है वही ऐसी घटनाओं की जड़ में हैं। प्रोफेसर कुमार मानते हैं कि, ऐसी घटनाओ पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन साथ में ये पड़ताल भी जरूरी है कि पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की थी और आरोपी क्यों असंतुष्ट थे। कभी भी ऐसी प्रतिक्रियाएं एकतरफा नहीं होतीं। सोशल मीडिया पर हेट पोस्ट पर चेक लगाया जाना जरूरी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मौजूदा वक्त में देश में जिस तरह का माहौल है उसका बेजा फायदा हिंदू हों या मुसलमान दोनों तरफ की कट्टरपंथी ताकतों को मिल रहा है।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया