नई दिल्ली, 25 जुलाई 2022 (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क ) : द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15 राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्य़भार संभाल लिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राष्ट्रपति इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में कहा कि, मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों के प्रतीक इस पवित्र संसद भवन से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
उन्होंने कहा कि, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है, जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50 वें वर्ष का जश्न मना रहा था, तभी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75 वें वर्ष में उन्हें यह नया दायित्व मिला है।
राष्ट्रपति ने कहा कि, मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं, जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों – सबका प्रयास और सबका कर्तव्य – पर आगे बढ़ेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।
द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण से पहले राजघाट स्थित महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद जब वह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं तो निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनका स्वागत किया। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
आपको बता दें कि, द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। 2000 से 2004 तक वे ओडिशा की बीजेडी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री रहीं। 2015 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2021 तक वे इस पद पर रहीं।
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था और दंपति के तीन संतान- दो बेटे और एक बेटी हुईं। मुर्मू का जीवन व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में उन्होंने अपने पति और दोनो बेटों को खो दिया। द्रौपदी मुर्मू का संबंध संथाल समुदाय से है।
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