लखनऊ, 15 सितंबर ( गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र ) : हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर एक बेहद वीभत्स घटना हुई है। लखीमपुर खीरी जिले में दो सगी नाबालिग बहनों के शव पेड़ से लटके मिले हैं। पुलिस का दावा है कि इस मामले में छह अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है। बताया गया है कि इन बहनों की हत्या से पहले उनके साथ बलात्कार किया गया।
घटना की खबर मिलते ही सनसनी फैल गई। लखनऊ से आला पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। नाराज ग्रामीणों ने कई घंटों तक सड़क पर जाम लगाए रखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस मामले में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। विपक्षी नेताओं ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना की तुलना 2014 में बदायूं में हुए रेप कांड से की जा रही है। तब इसी तरह से बदायूं ज़िले के एक गांव में दो दलित बहनों के शव पेड़ से लटके मिले थे।
क्या है वारदात ?
लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, लखीमपुर खीरी जिले के एक गांव के बाहर गन्ने के खेत में दो बच्चियों के शव पेड़ से लटके हुए मिले हैं। शुरवाती जांच में सामने आया है कि बच्चियों के शव उनके ही दुपट्टे से लटकाए गए थे। शरीर पर ऊपरी तौर पर कोई चोट के निशान नहीं हैं। पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के बाद विस्तार से जानकारी मिल पाएगी।
परिवार और पुलिस के अलग-अलग दावे
इस मामले में परिवार का आरोप है कि, पड़ोस के गांव के तीन युवक मोटरसाइकिल पर आए थे और उन्होंने घर के पास ही चारा काट रही दोनों बहनों को जबरन उठा लिया था। लड़कियो की मां का कहना है कि, उनकी बेटियों की हत्या की गई है। उनका कहना है कि तीन लड़के बुधवार दोपहर बाद मोटरसाइकिल से आए। उस समय वो कपड़ा डालने घर के भीतर गई थी। इसी दौरान तीनों लड़कों ने उनकी बेटी का अपहरण किया। दो लड़कों ने दोनों लड़कियों को घसीटते हुए ले जाकर बाइक पर बैठाया और लेकर चले गए। लड़की की मां ने कहा कि मैं मोटरसाइकिल के पीछे दौड़ी, लेकिन उन्हें पकड़ नहीं पाई।
हालांकि घटना के चश्मदीद होने का दावा करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि, लड़कियों को जबरदस्ती नहीं ले जाया गया बल्कि वे खुद ही मोटरसाइकिल सवारों के साथ गई थीं।
पुलिस भी कुछ इसी तरह की थ्योरी समझा रही है। लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि, अभियुक्त दोनों सगी बहनों को जबरन नहीं ले गए। मुख्य अभियुक्त एक लड़का इन लड़कियों के घर के पास रहता था। लड़कियों को बरगलाकर खेत में ले जाया गया। मुख्य अभियुक्त ने ही दूसरे तीन लड़कों से इन दोनों लड़कियों की दोस्ती कराई थी।
पुलिस का कहना है कि, इस मामले में मुख्य अभियुक्त समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि, घटना का पता चलते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। मामले में एक ज्ञात और तीन अज्ञात लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता से घटना की जांच शुरू की। मृतका के पड़ोसी छोटू को पहले गिरफ्तार किया गया। इसके बाद तीनों अज्ञात लोगों जुनैद, सुहैल और हाफिजुर रहमान को गिरफ्तार किया गया। ये चारों लड़की से पहले से परिचित हैं। छोटू के जरिए इन लड़कों का लड़कियों से परिचय हुआ था। मामले में संलिप्तता के आरोप में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
वारदात के सामने आते ही राज्य में सियासी बवंडर उठ खड़ा हुआ। आनन-फानन में लखनऊ से आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को लखीमपुर खीरी रवाना किया गया। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने लखनऊ में मीडिया को ब्रीफिंग देते हुए कहा कि, आरोपियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विपक्षी दलों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना के बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि, निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि, लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है। परिजनों का कहना है कि इन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था। रोज अख़बारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से क़ानून-व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं।
बीएसपी नेता मायावती ने अपने ट्वीट में कहा कि, घटना बेहद निदंनीय है…. यूपी में अपराधी बेखौफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध और लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों में पहले भी बदनाम रहा है। साल 2020 में अगस्त और सितंबर महीने में ज़िले के अलग-अलग स्थानों पर तीन नाबालिग़ लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए थे। जून 2011 में निघासन पुलिस थाना परिसर में ही एक लड़की की लाश पेड़ से लटकी मिली थी। इस मामले में एक पुलिस निरीक्षक समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। बाद में सीबीआई कोर्ट ने 28 फ़रवरी 2020 को दिए फ़ैसले में कांस्टेबल अतीक़ अहमद को 14 साल की लड़की की हत्या और बाद में लाश को पेड़ से लटकाकर उसे ख़ुदकुशी की शक्ल देने का दोषी पाया था।
योगी क्यों घेरे में ?
उत्तर-प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अपनी पीठ खुद ही ठोंकते रहे हैं। हालांकि, राज्य सरकार के कई दावों की हकीकत एनसीआरबी के आंकड़ों में कुछ और ही नजर आई। योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री रहते हुए ही राज्य में हाथरस कांड, लखीमपुर खीरी में सिखों को गाड़ी से कुचलने की घटना और अब दलित लड़कियों के साथ इस तरह की वारदात जैसे जघन्य कांड सामने आए हैं। दावा चाहे कुछ भी हो लेकिन ऐसे कांडों से ये जाहिर होता है कि, राज्य में अपराधियों के मन में कानून का भय लेशमात्र भी नहीं है।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया