नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र ) : नरेंद्र मोदी सरकार प्रशासन में नौजवान अफसरों की सोच और उसके लिए तकनीकी तैयारी पर मिशन मोड में काम कर रही है। INDIA @ 2047 के नाम से तैयार हो रहे इस विज़न डॉक्यूमेंट में प्रशासन का एक ऐसा मॉडल तैयार करने पर जोर है जो समाज के विभिन्न कोर क्षेत्रों में कामकाज का खाका सामने रखेगा। इस काम के लिए सरकार ने 30 नौजवान आईएसएस अफसरों के साथ 10 गैर आईएएस अफसरों को भी चुना है। दिलचस्प बात ये है कि इन सभी की उम्र 40 वर्ष से कम है।
INDIA @ 2047 के विजन डॉक्यूमेंट के लिए गठित टीम
टीम में कुल 160 सदस्य़ हैं। इनमें 30 आईएएस अफसरों के अलावा 10 गैर आईएएस अफसर भी शामिल हैं। इसके अलावा इसके सदस्यों में 40 शिक्षण क्षेत्र से जुड़े लोग और 80 उद्यमी हैं। उद्यमियों में छोटे स्टार्ट अप्स और बड़े और स्थापित स्टार्ट अप्स दोनों से 40-40 उद्यमियों को शामिल किया गया है। शिक्षण क्षेत्र से संबंधित लोगों में आईआईटी और आईआईएम से जुड़े
प्रोफेसर्स शामिल हैं। टीम के सभी 160 सदस्यों को चार-चार सदस्यों के कुल 40 समूहों में बांटा गया है जिसमें एक अफसर के साथ एक शिक्षाविद और छोटे और बड़े स्टार्ट अप्स के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस विजन ड़ॉक्यूमेंट को तैयार करने का जिम्मा प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग को सौंपा गया है।
नौजवानों पर जोर क्यों ?
गणतंत्र भारत को मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह चाहते थे कि इस विजन डॉक्ययूमेंट को तैयार करने का जिम्मा ऐसे अफसरों और लोगों को सौंपा जाए जो साल 2047 तक भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी बन सकें। प्रशासन के कोर सेक्टरों पर विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने और उसके लिए तकनीकी तैयारी को भी करीब से समझने की दृष्टि से नौजवानों के हाथ में इस जिम्मेदारी को सौंपने का विचार सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति के बाद इस विचार पर काम चालू कर दिया गया और इसे गवर्नेस विजन फॉर 2047 का नाम दिया गया।
क्या होंगे गर्वनेंस के कोर सेक्टर ?
INDIA @ 2047 के विज़न गवर्नेंस मॉडल के लिए कुल 9 कोर क्षेत्रों का चुनाव किया गया है जिनमें, प्रशासन, वित्त, वाणिज्य एवं उद्योग, आंतरिक सुरक्षा और सोशल सेक्टर के अलावा तकनीकी दृष्टि से ऑफिस ऑटोमेशन, डेटा एनेलेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसे विषयों पर विशेष फोकस किया गया है। इन सभी नौ क्षेत्रों की कमान फिलहाल सचिव स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। ये सभी सचिव अपने कोर क्षेत्र से जुड़े एक्शन प्लान का मसौदा तैयार कर रहे हैं। सचिवों की इन समितियों की अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के पास है। मसौदा तैयार होने के बाद उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और मंजूरी मिलने के बाद वो INDIA @ 2047 के विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा बन जाएगा।
सोच को रफ्तार
इस साल के शुरुवाती महीनों में सलाहकारों के एक समूह के साथ विचार-विमर्श के दौरान कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने नौजवान अफसरों को विजन ड़ॉक्यूमेंट की तैयारी का हिस्सा बनाने का विचार सामने रखा। उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसौदे की तैयारी में उस वर्ग की हिस्सेदारी चाहते हैं जो 2047 तक सचिव स्तर का अधिकारी बन सके। इसके पीछे सोच यही थी कि इस सोच पर अमल में उसका खाका तैयार करने वाले अधिकारी को आसानी होगी। उसी के बाद अफसरों के चयन और टीमों के गठन की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली। उसी वर्ष देश की आजादी के 100 साल भी पूरे होंगे।
विचार पर अमल
आपको बता दें कि, विजन डॉक्यूमेंट के लिए वित्त और वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने सचिवों की समिति के सामने अपने मसौदे का प्रजेंटशन भी कर दिया है। इसके अलावा कुछ महीनो पहले ही 40 में से 10 समूहों ने आईआईटी मद्रास में तीन दिनों तक अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों को अपने सुझाव भी पेश किए हैं। इस टीम की सदस्य 2012 बैच की आईएएस अफसर डॉ. आदिला अब्दुल्लाह, जल से संबंधित कोर टीम की सदस्य हैं। उनका कहना है कि. हमारा जोर इस बात पर है कि हम पानी से जुड़ी हर समस्या और उसके समाधान पर फोकस करें, चाहे बात पानी के संरक्षण की हो या फिर उसकी उपलब्धता की। इसी तरह से 2009 बैच की आईएएस बरनाली डेका को फिनटेक और इनक्लूजन टीम का हिस्सा बनाया गया है। उनका कहना है कि, उनकी टीम का फोकस वित्तीय तकनीक और सामाजिक समावेश पर है। वे बताती हैं कि, हम चाहते हैं विकास की दौड़ में हर वर्ग को हिस्सेदारी मिले और उसी को ध्यान में रख कर काम किया जा रहा है।
फोटो सौजन्य़- सोशल मीडिया