नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र):
आसमान की उंचाइयों को नापना उसका शौक था। लोग आसमान की उंचाइओं से डरते हैं लेकिन शिवांगी तो उसे छूना चाहती है। उसका निश्चय था कि उसे फाइटर पायलट ही बनना है। ये कहना है फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह की मां सीमा सिंह का। फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट शिवांगी सिंह भारतीय वायु सेना के रफ़ाल स्क्वाड्रन की पहली महिला पायलट हैं। उत्तर प्रदेश के बनारस से ताल्लुक़ रखने वाली शिवांगी सिंह साल 2017 में वायु सेना में शामिल हुईं और मिग-21- बाइसन उड़ा रही हैं।
जिद ने बनाया राफेल पायलट
शिवांगी को वायुसेना में शामिल होने की जिद उस समय से ही थी जब वे पहली बार अपने नाना के साथ दिल्ली में एयर फ़ोर्स म्यूज़ियम देखने गईं थीं। उस समय वे कक्षा नौ में पढ़ती थीं। उन्होंने एनसीसी में भी एयर विंग को चुना। बीएससी करते हुए उन्होंने एयरफोर्स में भर्ती के लिए परीक्षा दी और उका चयन हो गया। घर वाले नहीं चाहते थे कि वे प्लाइट स्ट्रीम में जाएं लेकिन वे कहां मानने वाली थीं।
शिवांगी को वायु सेना में और कोई काम मंजूर नहीं था. जब वो बीएससी कर रहीं थीं तब नेशनल कैडेट कोर यानी एनसीसी की एयर विंग में भी हिस्सा लिया करती थी. बीएससी के दूसरे साल में इन्होंने एयर फ़ोर्स में भर्ती के लिए परीक्षा दी. मेहनत और लगन की वजह से उनका चयन भी हो गया.
शिवांगी की मां भी सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती है। उनके पिता यानी शिवांगी के नाना सेना में कर्नल थे लेकिन सीमा ने कभी ये सपना नहीं देखा कि शिवांगी सशस्त्र बल का हिस्सा बनें। शिवांगी के पिता कारोबारी हैं और वो बहुत ख़ुश हैं कि उनकी बेटी अपने सपने को पूरा कर पाई।
सीमा बताती हैं कि शिवांगी ने अगर किसी चीज़ की जिद पकड़ ली तो उसे पूरा करके ही मानती थी। ये भी ज़िद ही है कि वो आज इस मुक़ाम पर पहुंची है। राफेल उड़ाने वाली की मां अब क्या सोचती है ? जवाब में सीमा सिंह ने कहा कि, पायलट बनने के बाद ख़तरा तो बना ही रहता है। मैं ख़ुश भी हूं और डरी हुई भी हूं। लेकिन जिसे उड़ाना है, उसे डर नहीं है।
शिवांगी सिंह फ़िलहाल रफ़ाल उड़ाने के लिए प्रशिक्षण ले रही है जल्द ही वे वायुसेना के गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन में शामिल हो जाएंगी। बनारस को गर्व है अपनी इस बेटी पर।
भारतीय सेना में महिलाएं
भारत में पीआईबी के वेबसाइटके अनुसार, भारतीय सेना में 6892, वायुसेना में 1878 और नौसेना में 685 महिला अधिकारी हैं।
भारतीय वायु सेना में किसी भी ब्रांच या स्ट्रीम में महिलाएं शामिल हो सकती हैं।
सरकार ने साल 2015 में महिलाओं के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन के ज़रिए फ़ाइटर विंग में महिलाओं को नियुक्त करने की शुरुआत की थी। अब इन महिलाओं को फ़ाइटर विंग में स्थायी रूप से कमीशन देने की तैयारी चल रही है।
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