लखनऊ ( गणतंत्र भारत के लिए विज्ञप्ति ) : 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी चुनौती को मजबूती से पेश करने के लिए लोक दल ने चौधरी विजेंद्र सिंह को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी है। चौधरी चरण सिंह के आदर्शों पर चलने वाली लोक दल पार्टी के अध्यक्ष सुनील सिंह ने चौधरी विजेंद्र सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया। इस मौके पर चौधरी विजेंद्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, भारतीय राजनीति में 80 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं की सोच, समझ और आवश्यकता को महत्व दिलाने वाली पार्टी लोकदल में अस्तित्व बनाने के बाद, बहुत से राजनेताओं ने अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की और ये उसी का नतीजा है कि आज वे अपनी पहचान के संकट से जझू रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, दिग्गजों को जन्म देने वाली ये पार्टी एक बार फिर से जनता के बीच दो बैल और खेत जोतते किसान के चुनाव चिन्ह के साथ ही मजबूती के साथ राजनीति के मैदान में उतर आई है और इस बार इस पार्टी का नेतृत्व पूरी तरह से भारत में ही पले बढ़े और अपनी विश्वसनीयता कायम करने वाले लोगों के हाथों में है। ये लोग वंशवाद के आधार पर आगे नहीं बढ़ेंगे और अब लोक दल पूरी तरह से नगरों, देहात और किसानो की पार्टी के रूप में राजनीतिक दंगल में जोर आजमाइश करेगा।
इस मौके पर चौधरी विजेंद्र सिंह ने जोर देते हुए कहा कि, पार्टी के संघटनात्मक ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ जिला, ब्लॉक और मंडल स्तर पर रणनीतिक और सामाजिक भूमिका के लिए अच्छे युवाओं और कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी उनकी रहेगी। वे पार्टी कार्यकारिणी के साथ सामाजिक हितों के लिए फैसला लेंगेl चौधरी चरण सिंह के लगाए गए लोकतंत्र के इस लोक दल रूपी वृक्ष को मजबतू करने के साथ-साथ पार्टी की जिम्मेदारी अगड़े पिछड़े और किसानों को उनका हक दिलाने की रहेगी।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि, उनकी नजर में पहले हम सब हिंदुस्तानी हैं, इसके बाद हम चाहे जिस पहचान से भी जाने जाते हों, जाट, ब्राह्मण, बनिया, हिंदू-मुसलमान। ये सब बातें व्यक्तिगत हैं। राष्ट्रवाद और विकास प्राथमिक है।
पत्रकार वार्ता में चौधरी विजेंद्र सिहं ने जोर देकर कहा कि, आधी आबादी यानी महिलाओं के हक और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए पार्टी जीजान एक कर देगी। बहनों-माताओं को उनके हुकूक दिलाने की लड़ाई लड़ेगी और वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसका विशेष ध्यान रखेगी।