Homeहमारी धऱतीऊर्जापीएम सूर्य घर योजना : बजट तो मिला जमकर लेकिन काम....?

पीएम सूर्य घर योजना : बजट तो मिला जमकर लेकिन काम….?

spot_img

नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र ) : हरित ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करने की दृष्टि से केंद्र सरकार, सौर ऊर्जा को सबसे ज्य़ादा प्राथमिकता दे रही है, इसके बावजूद इस मामले में हुई प्रगति संतोषजनक नहीं है। संसद की स्थायी समिति ने सौर ऊर्जा से संबंधित अलग-अलग योजनाओं की पड़ताल की उनकी प्रगति पर नाखुशी जाहिर की। समिति ने सबसे बड़ी आपत्ति पीएम सूर्य घर योजना की प्रगति पर प्रकट की है।

संसद की ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति ने मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) की अनुदान मांगों (2024-25) पर दूसरी रिपोर्ट में कई अहम सवाल खड़े किए हैं। समिति ने सौर ऊर्जा के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) के अन्य स्रोतों से बिजली हासिल करने के प्रयास को नाकाफी बताया है। साथ ही, मंत्रालय के बजट पर भी समिति ने कड़ी टिप्पिणयां की हैं। सौर ऊर्जा पर मंत्रालय के प्रयासों को लेकर समिति ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, देश में सौर ऊर्जा से संबंधित योजनाओं को पूरा करने का काम अभी तक संतोषजनक नहीं रहा है।

पीएम सूर्य घर योजना का खस्ता हाल

सरकार का लक्ष्य पीएम सूर्य घर योजना के तहत एक करोड़ घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाना है और साल 2026-27 तक इसे पूरा करना है। इसके लिए कुल 75,021 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया गया है। मंत्रालय का कहना है कि इससे एक लाख करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और 72 करोड़ टन कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।

वर्ष 2024-25 के बजट में पीएम सूर्य घर योजना के लिए सबसे अधिक धन आवंटन किया गया है। इस योजना पर 6250 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया है और साल भर में 25 लाख छतों पर सोलर सिस्टम्स लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

समिति की रिपोर्ट में बताया गय़ा है कि, योजना के क्रियान्वयन की गति बहुत धीमी है। अक्टूबर 2024 तक पोर्टल पर किए गए लगभग 20 लाख आवेदनों में से केवल 5 लाख रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। इन 5 लाख में से भी केवल 3 लाख के लिए सब्सिडी वितरित की गई है।

मंत्रालय ने दी सफाई

विभागीय सचिव ने संसदीय समिति के समक्ष स्पष्ट किया है कि, इस काम में बारिश की वजह से देरी हुई है लेकिन बावजूद इसके साल में 12 लाख घऱों में सोलर पैनल लगाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

क्षमता  का महज 12 फीसदी हासिल

सौर ऊर्जा पर खुल कर खर्च  करने के बावजूद अब तक कुल क्षमता का लगभग 12 प्रतिशत ही हासिल हो सका है। देश की कुल सौर क्षमता लगभग 7,48,990 मेगावाट है, लेकिन 30 सितंबर 2024 तक केवल 90,760 मेगावाट क्षमता ही स्थापित की जा सकी है, जबकि सरकार ने साल 2030 तक 2,92,000 मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।

बजट आवंटन पर सवाल

स्थायी समिति की रिपोर्ट में साल 2024- 25 में अनुमानित बजट से अधिक राशि के आवंटन पर भी सवाल उठाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 12001.70 करोड़ रुपए की बजटीय आवश्कता का अनुमान लगाया गया था जबकि आवंटन 21230 करोड़ रुपए का किया गया। यह बजट अनुमानों से 170 प्रतिशत अधिक था जबकि  पहले के सालों में मंत्रालय, आवंटित बजट का भी पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाया था।

पहले मिला बजट और खर्च

रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में बजट उपयोग क्रमशः लगभग 88 प्रतिशत, 82 प्रतिशत और 83 प्रतिशत रहा। बजट के कम उपयोग के लिए मंत्रालय ने खासतौर पर दो कारण बताए। पहला, कोविड महामारी की लगातार दो लहरों का प्रभाव और दूसरा, पूर्वोत्तर राज्यों से परियोजनाओं के पर्याप्त प्रस्तावों का न मिलना।

ऊर्जा के अन्य स्रोतों की अनदेखी का आरोप

रिपोर्ट में कहा गया है कि, मंत्रालय का सारा फोकस सौर ऊर्जा पर है और ऊर्जा  के दूसरे स्रोतों की अनदेखी की जा रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मंत्रालय का लगभग 87 प्रतिशत बजट केवल और केवल सौर ऊर्जा के लिए आवंटित किया गया है। और इसमें भी  बजट का लगभग 72 प्रतिशत पीएम सौर घर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन के लिए निर्धारित है।

युद्ध स्तर पर काम की जरूरत

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि, अगर सरकार को हरित और स्वच्छ ऊर्जा संबंधी लक्ष्यों को पूरा करना है तो युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है। समिति की सिफारिश है कि, सौर ऊर्जा संबंधी  बजट अनुमानों और राशि के आवंटन में व्यावहारिक तरीका अपनाए जाने के जरूरत है। बजट आवंटन में वृद्धि की जरूरत तभी है जबकि पिछली राशि का न्यायसंगत इस्तेमाल किय़ा गय़ा हो।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया   

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

- Advertisment -spot_img

Recent Comments