जयपुर (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क ) : राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में 15 मंत्रियों ने शपथ ले ली है। कल ही उनकी सरकार के कई मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया गया था। शपथ लेने वाले इन 15 मंत्रियों में से 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पिछले काफी समय से राजस्थान में कांग्रेस के भीतर अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा था। सचिन अपने खेमे के कुछ लोगों को मंत्री पद दिलाना चाहते थे। हालांकि इस फेरबदल के बाद भी कांग्रेस के भीतर चल रहा असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा।
इस फेरबदल से पहले 20 नवंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर राजस्थान कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसके बाद कैबिनेट फेरबदल का ये फैसला लिया गया। दिल्ली में कांग्रेस नेता सचिन पायलट और वरिष्ठ नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के साथ कैबिनेट फेरबदल की बात सामने आई थी।
शपथ के साथ ही असंतोष
कैबिनेट फेरबदल के साथ ही कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने इसमें शामिल टीकाराम जुली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज करया है। उन्होंने कहा है कि एक कांग्रेसी होने के नाते वो ऐसे लोगों को प्रमोट होते नहीं देख सकते हैं। उन्होंने इसे काला दिवस करार दिया है। वहीं रामगढ़ से विधायक साफिया जुबेर खान ने भी नए मंत्रिमंडल में क्षेत्र, अल्पसंख्यक और महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर असंतोष जताया है। इन दोनों विधायकों ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है
क्षेत्रीय व जातीय संतुलन
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में ये पहला फेरबदल है जिसे क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ-साथ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
नए मंत्रियों में ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है। इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ-साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है।
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