नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए शोध डेस्क) : योग गुरू बाबा रामदेव को लेकर खबरों का बाजार एक बार फिर से गरम है। सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव के पक्ष और विपक्ष में तलवारें खिंची हुई हैं। मामला करनाल हरियामा में हुए कार्यक्रम का है। इस कार्य़क्रम में बाबा रामदेव ने हिस्सा लिया और पेट्रोल के दाम को लेकर एक रिपोर्टर के सवाल पर बाब रामदेव ऐसे भड़के की वे मर्यादा को लांघते हुए धमकी देने पर उतर आए।
करनाल में हए आयोजन में योगगुरू बाबा रामदेव से जब पेट्रोल-डीजल के दामों में हालिया वृद्धि को लेकर सवाल पूछा गया तो वे भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर पेट्रोल की कीमतें कम होती हैं तो सरकार को पर्याप्त कर नहीं मिलेगा, फिर कैसे देश चलेगा, कैसे वेतन देंगे और सड़कें बनाएंगे? उन्होंने कहा कि हां, महंगाई कम होनी चाहिए लेकिन लोगों को भी खूब मेहनत करना चाहिए। अगर मैं संन्यासी होते हुए भी दिन में 18 घंटे काम कर सकता हूं तो आप क्यों नहीं?
इसी दौरान, बाबा रामदेव को एक रिपोर्टर ने टोकते हुए उन्हें उनका 2014 का वो बयान याद दिलाया जब उन्होंने कहा था कि लोगों को वो सरकार चुननी चाहिए जो पेट्रोल 40 रुपए लीटर दे और 300 रुपए का गैस सिलेंडर दे। रिपोर्टर ने बाबा रामदेव से सवाल पूछा कि, आज पेट्रोल 100 रुपए और गैस 1000 तक पहुंच गई है, आपका पहले का बयान तो कुछ ऐसा था। क्या कहेंगे आप ?
रिपोर्टर के सवाल को पहले तो बाबा रामदेव ने टालने की कोशिश की लेकिन रिपोर्टर जब बार-बार उसी सवाल को दोहराने लगा तो रामदेव नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि, हां, मैंने कहा। तू क्या कर लेगा? मेरे से ऐसे प्रश्न मत पूछो। मैं तेरे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए क्या कोई ठेकेदार हूं कि तू जो भी पूछे मैं उत्तर दूं। थोड़ा सभ्य बनना सीखो। रिपोर्टर ने जब उन्हें याद दिलाया कि तब सारे टीवी चैनलों पर आपकी बाइट चली थी, तो रामदेव ने कहा, हां, मैंने दी थी और अब नहीं दे रहा। जा कर ले, क्या कर लेगा तू?’ रामदेव ने आगे पत्रकार को धमकाते हुए कहा कि चुप हो जा, अब आगे फिर पूछेगा तो ठीक नहीं होगा।
महंगाई, कालाधन और रामदेव
आपको बता दें कि, बाबा रामदेव यूपीए सरकार के दौरान महंगई और कालेधन के सवाल पर खासे मुखऱ थे। उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ सरकार को घेरने का कोई मौका भी नहीं छोड़ा था। बाबा रामदेव ने सार्वजनिक मंचों से जनता से अपील की थी कि जो सरकार पेट्रोल 40 रुपए और गैस सिलेंडर 300 रपए का दे उसी ही वोट करें। यही नहीं, बाबा रामदेव ने सरकार से बड़े नोटों के चलन पर रोक लगाने की अपील भी थी। उन्होंने त्तत्कालीन सरकार से 1000 रुपए के नोटों के चलन को बंद करने के कहा था। उनकी दलील थी कि बड़े नोटों से भ्रष्टाचार और कालाबाजारियों को मदद मिलती है लेकिन केंद्र में जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो 1000 के नोट के बदले 2000 रुपए के नोट चालू हो गए लेकिन बाबा रामदेव ने चुप्पी साध ली। कालाधन और भ्रष्टाचार के सवाल पर भी आमतौर पर वे अब खामोश ही रहते हैं।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया