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बीजेपी है राजनीतिक चंदे की ‘धनबली’, एडीआर की रिपोर्ट में उठे कई सवाल

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नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए शोध डेस्क) : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर की रिपोर्ट में कई चौकानें वाली जानकारियां सामने आईं हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि, 2020-2021 में सात चुनावी ट्रस्टों को कॉरपोरेट और निजी हैसियत में दिए गए दान में 258.49 करोड़ रुपए मिले हैं और अकेले बीजेपी को इस दान का 82.05 फीसदी यानि 212.05 करोड़ रुपए मिला हैं।

अन्य 10 राजनीतिक दलों, कांग्रेस, एनसीपी, एआईएडीएमके, डीएमके, आरजेडी, आप, एलजेपी, सीपीएम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और लोकतांत्रिक जनता दल को सब मिलाकर कुल 19.23 करोड़ रुपए मिले हैं।

पांच सालों के आंकड़ों को जोड़ कर देखा जाए तो बीजेपी को चुनावी ट्रस्टों द्वारा 2016-17 से लेकर 2020-21 के बीच 1030 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए चुनावी चंदे के रूप में रूप में मिले हैं जबकि दूसरे राजनीतिक दलों को मिलने वाला चुनावी चंदा लगातार सिमटता जा रहा है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़े चुनावी ट्रस्टों में से एक चुनावी ट्रस्ट- प्रूडेंट ने बीजेपी को 209 करोड़ रुपए का दान दिया है  जबकि 2019-20 में इसने 217.75 करोड़ रुपए का योगदान दिया था। जयभारत नाम के चुनावी ट्रस्ट ने 2020-21 में अपनी कुल आय का 2 करोड़ रुपए बीजेपी को दिया। प्रूडेंट ने बीजेपी समेत सात राजनीतिक दलों को दान दिया है जिसमें जेडीयू, कांग्रेस, एनसीपी, आरजेडी, आप और एलजेपी भी शामिल हैं।

अखबार आगे बताता है कि, कॉरपोरेट्स में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने चुनावी ट्रस्ट के सभी डोनर्स में सबसे अधिक 100 करोड़ रुपए का योगदान दिया।  इसके बाद हल्दिया एनर्जी इंडिया लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपए और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने विभिन्न ट्रस्टों को 22 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।

काले-सफेद और टैक्स छूट का चक्कर तो नहीं ?

एडीआर ने रिपोर्ट में कहा है कि, इन छह चुनावी ट्रस्टों में दान देने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिससे ये शक पैदा होता है  कहीं इन ट्रस्टों को दान देने का मतलब टैक्स में छूट हासिल करना या काले धन को सफेद करने का तरीका को नहीं। इसलिए, सीबीडीटी नियमों के अस्तित्व में आने से पहले गठित हुए इन चुनावी ट्रस्टों को दान देने वाले लोगों से संबंधित ब्यौरे का भी खुलासा करना चाहिए।

पांच साल में किसको क्या मिला ?

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक,  2019-2020  में चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दिए गए कुल चंदे का 276.45 करोड़ रुपए या 76.17 फीसदी बीजेपी को मिला था। बीजेपी के बाद कांग्रेस है जिसे सभी सात चुनावी ट्रस्टों से 58 करोड़ रुपए या 15.98 फीसदी मिले जबकि आप, जेडीयू, जेएमएम, एलजेपी, आईएनएलडी और आरएलडी सहित अन्य 12 राजनीतिक दलों को कुल मिलाकर 25.46 करोड़ रुपए मिले।

2018-2019 में बीजेपी को पांच चुनावी ट्रस्टों से कुल 100.25 करोड़ रुपए मिले। कांग्रेस को चार चुनावी ट्रस्टों से 43 करोड़ रुपए मिले।

2017-2018 में चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 86.59 प्रतिशत यानी 167.80 करोड़ रुपए बीजेपी को मिला। अन्य चार राजनीतिक दलों को सब मिलाकर केवल 25.98 करोड़ रुपए ही मिले।

नोटबंदी के साल 2016-2017 में अकेले बीजेपी को 290.22 करोड़ रुपए या चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 89.22 फीसदी मिला। अन्य 9 राजनीतिक दलों (कांग्रेस, एसएडी, एसपी आदि सहित) को सामूहिक रूप से केवल 35.05 करोड़ रुपए मिले।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

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