न्यूज़ डेस्क (गणतंत्र भारत) मुंबई: पिछले साल हिंदी सिनेमा के एक युग का अवसान हो गया। जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे। दिलीप कुमार की मौत की खबर उनके ट्विटर हैंडल के जरिए ही दी गई। दिलीप साहब पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज हिंदुजा अस्पताल में चल रहा था। उनका इलाज कर रहे डॉ. जलील पारकर ने बताया कि, ‘लंबी बीमारी के कारण सुबह 7:30 बजे उनका निधन हो गया।
हिंदुजा अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने जानकारी दी कि दिलीप कुमार का ब्लडप्रेशर और हीमोग्लोबिन लगातार गिर रहा था। अस्पताल में उन्हें खून दिया जा रहा था, लेकिन उनके लिए खून प्राप्त करना काफी मुश्किल था क्योंकि उनका ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव था जो बहुत ही कम लोगों में होता है।
दिलीप कुमार के पारिवारिक मित्र फैजल फारूकी ने दिलीप साहब के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, ‘भारी मन और बेहद दुख के साथ मैं ये जानकारी दे रहा हूं कि कुछ मिनट पहले हमारे प्यारे दिलीप साहब का निधन हो गया। हम अल्लाह के बंदे हैं और हमें उनके पास ही लौटकर जाना होता है।
दिलीप कुमार के निधन से न सिर्फ भारत बल्कि पाकिस्तान में भी शोक की लहर दौड़ गई है।
दिलीप कुमार ने 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से अपने करिअर की शुरुआत की लेकिन वो फिल्म ज्यादा नहीं चल पाई। 1947 में आई फिल्म ‘जुगनू’, दिलीप साबह की पहली बॉक्स ऑफिस हिट थी। इस फिल्म में नूरजहां ने भी अभिनय किया था। 1949 में वे राज कपूर और नरगिस के साथ फिल्म अंदाज में नजर आए। इस फिल्म ने दिलीप कुमार को एक बड़े कलाकार के रूप में स्थापित कर दिया।
दिलीप कुमार 1954 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने वाले पहले अभिनेता थे। उन्होंने 8 बार फिल्म फेयर पुरस्कार जीता। अपने पांच दशक लंबे करिअर में उन्होंने ‘मुग़ल-ए-आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’ तथा ‘राम और श्याम’ जैसी अनेक हिट फिल्में दीं। ‘गंगा जमुना’, ‘मधुमति’, ‘क्रांति’, ‘विधाता’, ‘शक्ति’ और ‘मशाल’ जैसी फिल्मों में बेजोड़ अभिनय के लिए उन्हें जाना जाता है। दिलीप साहब आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘क़िला’ में नज़र आए।
दिलीप कुमार का जन्म अविभाजित भारत के पेशावर (अब पाकिस्तान में) के किस्सा ख़्वानी बाजार इलाके में हुआ था। उनका असली नाम यूसुफ खान था। उनके पिता का नाम लाला गुलाम सरवर खान औरर मां का नाम आयशा बेगम था।
दिलीप साहब ने अपनी बेजोड़ अभिनय शैली से हिंदू सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। अभिनय शैली के मामले में वे एक ट्रेंडसेटर थे और भारतीय सिनेमा की विभिन्न धाराओं में अभिनेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित करते थे। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि दिलीप साहब ऐसे अभिनेता थे जो पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। बॉलीवुड के इतिहास की जब कभी भी चर्चा होगी तो उसे दिलीप साहब से पहले और उनके बाद का दौर के रूप में जाना जाएगा। बॉलीवुड के तमाम अभिनेताओं ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक जताते हुए संवेदना प्रकट की है।
दिलीप कुमार को एक भारतीय अभिनेता द्वारा सबसे अधिक पुरस्कार जीतने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। उन्हें भारत में पहला मेथड एक्टर होने का भी श्रेय दिया जाता है। उन्हें 1994 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
दिलीप कुमार के निधन पर न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों से भी शोक संदेश मिल रहे हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रियो ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी दिलीप कुमार के निधन पर शोक जताया है।
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