नई दिल्ली ( गणत्रंत भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : सत्यपाल मलिक अपनी बेबाक टिप्पणियों को लिए जाने जाते हैं। वे इन दिनों मेघालय के राज्यपाल हैं। मलिक पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उसके बाद उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाया गया। गोवा के बाद वे मेघालय के राज्यपाल बनाए गए।
किसान आंदोलन को लेकर सत्यपाल मलिक हमेशा से केंद्र सरकार को आगाह करते रहे हैं। मलिक ने अब कहा है कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में पद छोड़ने को तैयार हैं। सरकार के रुख से आहत मलिक ने कहा कि, दिल्ली में नेता कुत्ते के मरने पर भी शोक व्यक्त करते हैं लेकिन किसानों की मौतों की उन्हें कोई परवाह नहीं। मलिक ने सेंट्रल विस्टा योजना की भी आलोचना करते हुए कहा कि एक नए संसद भवन के बजाय एक विश्व स्तरीय कॉलेज बनाना बेहतर होता।
मलिक ने जयपुर में आयोजित विश्व जाट सम्मेलन में ये भी कहा कि, उन्हें किसानों के मुद्दे पर दिल्ली के नेताओं को निशाना बनाने पर राज्यपाल का अपना पद खोने का डर नहीं है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि, राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता लेकिन कुछ मेरे शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते है कि ये कुछ बोले और इसे हटाया जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में दो या तीन नेताओं ने उन्हें राज्यपाल बनाया, जिस दिन वे कहेंगे कि उन्हें समस्या है….मैं एक मिनट भी नहीं लूंगा। उन्होंने कहा कि, मैं जन्म से राज्यपाल नहीं हूं। मेरे पास जो कुछ है उसे खोने के लिए मैं हमेशा तैयार हूं लेकिन मैं अपनी प्रतिबद्धता नहीं छोड़ सकता। मैं पद छोड़ सकता हूं लेकिन किसानों को पीड़ित और हारते हुए नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि, देश में पहले ऐसा कोई आंदोलन नहीं हुआ जिसमें 600 लोग मारे गए हों। मलिक ने कहा कि, एक कुत्ता भी मरता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आता है लेकिन 600 किसानों के शोक संदेश का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ।
इस मौके पर उन्होंने फिर दोहराया कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बना दिया जाए तो किसान आंदोलन खत्म हो सकता है। मलिक ने इस मामले में प्रधानमंत्री से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि, मैं प्रधानमंत्री से मिला और मैंने उनसे कहा कि आप स्थिति को गलत तरीके से देख रहे हैं। इन सिखों को न तो हराया जा सकता है और न ही इन जाटों को हराया जा सकता है। आप समझते हैं कि वे (किसान) ऐसे ही चले जाएंगे।…..दो काम एकदम मत कीजिए, उन पर बल का प्रयोग न करें। दूसरा, उन्हें खाली हाथ न भेजें क्योंकि वे भूलते नहीं हैं। वे सौ साल तक नहीं भूलते हैं।
उन्होंने कहा कि, किसानों के लिए मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सभी के साथ झगड़ा किया है। मैंने सभी से कहा है कि आप गलत कर रहे हैं। ऐसा न करें। यहां अगर सरकार कानूनी रूप से एमएसपी की गारंटी देती है तो इसका समाधान हो जाएगा। किसान तीन कानूनों के मुद्दे को इसलिए छोड़ सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। केवल एक ही बात है आप वो भी नहीं कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर मलिक ने पहले भी टिप्पणी की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर किसानों की मांगें नही पूरी की जाती हैं तो केंद्र सरकार वापस सत्ता में नहीं आएगी।
कश्मीर के बयान पर भी हुआ हंगामा
सत्यपाल मलिक ने पहले भी कश्मीर को लेकर एक बयान दिया था और बीजेपी और आरएसएस से जुड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उनके बयान पर संघ नेता राम माधव ने उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी थी।
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