नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क ) : उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सूचकांक के लिहाज से देश का सर्वाधिक फिसड्डी राज्य है। अच्छी बात ये है कि इन्क्रीमेंटल परफ़ॉरमेंस के मामले में ये सबसे बेहतर राज्य है। ये नतीजे नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के हैं जिसका संदर्भ वर्ष 2019 – 2020 को बनाया गया है। नीति आयोग ने बताया कि इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व बैंक की मदद से तैयार कराया है।
स्वास्थ्य सूचकांक एक तुलनात्मक समग्र स्कोर है जिसमें स्वास्थ्य प्रदर्शन के प्रमुख पहलुओं को शामिल करते हुए 24 संकेतक शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश के बड़े राज्यों में, सभी मानकों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल ने एक बार फिर शीर्ष स्थान हासिल किया है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। तमिलनाडु और तेलंगाना क्रम से दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
नीति आयोग की रिपोर्ट को देखें तो, उत्तर प्रदेश के लिए एक ही अच्छी खबर है और वो है स्वास्थ्य के क्षेत्र में उसका बेहतर होता प्रदर्शन जिसे इंक्रीमैंटल परफॉरमेंस का नाम दिया गया है। उत्तर प्रदेश ने इस मानक पर सबसे ऊंचा स्थान हासिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश ने आधार वर्ष (2018-19) से संदर्भ वर्ष (2019-20) तक सर्वाधिक वृद्धि परिवर्तन दर्ज किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष स्थान पर है जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली एवं जम्मू कश्मीर ने सभी मानकों पर सबसे नीचे है और वृद्धि संबंधी प्रदर्शन में सबसे ऊंचा स्थान प्राप्त किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चौथे सूचकांक में, सभी मानकों पर केरल का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना का सभी मानकों और वृद्धि के संबंध में प्रदर्शन अच्छा रहा और दोनों में उसने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
राजस्थान ने संपूर्ण रूप से और वृद्धि के संबंध में कमजोर प्रदर्शन किया। ये रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे राज्यों के मामले में, मिजोरम और त्रिपुरा ने मजबूत एवं समग्र प्रदर्शन दर्ज किया और साथ ही वृद्धि संबंधी प्रदर्शन में सुधार दिखाया।
स्वास्थ्य सूचकांक की रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में विपक्षी दल योगी आदित्य नाथ की सरकार को घेरने में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा है कि, नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) में स्वास्थ्य और चिकित्सा के मामले में यूपी (उत्तर प्रदेश) सबसे नीचे। ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सच्ची रिपोर्ट। दुनिया भर में झूठे विज्ञापन छपवाकर सच्चाई बदली नहीं जा सकती।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने स्वास्थ्य सूचकांक में राज्य की स्थिति पर चुटकी लेते हुए स्वास्थ्य संबंधी मुख्यमंत्री के एक दावे के आंकड़ों का जिक्र करते हुए ट्वीट किया है कि सजन से झूठ मत बोलो। इस दावे में मुख्यमंत्री राज्य में शानदार स्वास्थ्य सेवा का जिक्र कर रहे हैं।
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