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कृषि कानून वापस लेने की घोषणा, लेकिन किसान आंदोलन फिलहाल खत्म नहीं होगा, जानिए क्यों ?

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 नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री ने ये घोषणा राष्ट्र के नाम एक संदेश में की। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीत कालीन सत्र में कानून वापसी की वैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं पाए। हमारी नीयत साफ थी, पवित्र थी लेकिन हम शायद समझा नहीं पाए, हमारी तपस्या में कमी रह गई थी।

एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी बनेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार और  राज्य सरकारों के प्रतिनिधि के साथ-साथ किसान,  कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री भी शामिल होंगे। आंदोलनकारी किसानों की बड़ी मांगों में फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग भी शामिल है।

किसान फिलहाल आंदोलन वापस नहीं लेंगे

प्रधानमंत्री के फैसले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुशी जताई है लेकिन मोर्चे ने कहा है कि वे इन कानूनों की वापसी की संसदीय प्रक्रियाओं के पूरा होने का इंतजार करेंगे और तब तक उनका आंदोलन यथावत जारी रहेगा। मोर्चे ने सप्ष्ट किया कि किसानों का आंदोलन सिर्फ नए कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं था बल्कि फसलों के लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग अब भी लंबित है।

ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा कि, अभी आधी मांग पूरी हुई है। जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी देने वाला कानून नहीं बनता है किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला। इस मांग के पूरा होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाली 26 तरीख को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा। इस दौरान सौकडों किसानों ने अपनी जान गंवाई है। उस दिन पूरे देश के लाखों किसान सड़कों पर उतरेंगे।

मोदी की बात पर भरोसा नहीं : टिकैत

स बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि मुझे मोदी का बात पर भरोसा नहीं है। अभी एमएसपी पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।  जब संसद में तीनों कानूनों का वापसी हो जाएगी तभी आंदोलन भी खत्म होगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी समेत किसानों के दूसरे लंबित मसलों पर बातचीत करे।   

किसानों का क्या कहना है

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जैसे ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की आंदोलनरत किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।  गाजीपुर सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने किसान जिंदाबाद के नारे लगाए। किसानों ने यहां जलेबियां भी बांटी। इस मौके पर किसानों ने कहा कि अभी हमने आधी लड़ाई जीती है। एमएसपी पर गारंटी के बगैर किसान वापस जाने वाला नहीं है। हम सरकार के कदम का इंतजार करेगे। किसानों ने ये भी कहा कि हमारे सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। हमें खालिस्तानी से लेकर देशद्रोही तक क्या-क्या नहीं कहा गया। हमने जाड़ा, गर्मी, बरसात सब झेला है। हम ये सब आसानी से भूलने वाले नहीं है।

फोटो सौजन्य़ – सोशल मीडिया


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