लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : देश भर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को (पीएमजीकेएवाई) को अगले छह महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है। ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इससे पहले, उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में आई योगी आदित्य नाथ की सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में मुफ्त राशन की योजना को अगले तीन महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया गया था।
केंद्र सरकार ने मुफ़्त राशन की योजना को अगले छह महीने यानी सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। ये योजना सबसे पहले अप्रैल 2020 में लागू हुई थी जब देश में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहला लॉकडाउन लगाया गया था। ये पीएम-जीकेएवाई का छठा चरण होगा। योजना का पांचवां चरण इसी महीने की अंतिम तारीख यानी 31 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। इस योजना के तहत देश भर में 80 करोड़ राशनकार्ड धारकों को लाभ पहुंचता है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, भले ही कोरोना महामारी में कमी आई हो और आर्थिक गतिविधियां भी रफ़्तार पकड़ रही हों लेकिन इस योजना की अवधि को बढ़ाने से ये सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई भी ग़रीब भूखे पेट नहीं सोएगा।
आपको बता दें कि, सरकार ने अभी तक इस योजना पर तक़रीबन 2.60 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं और अगले छह माह में 80 से 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च किए जाएंगे। इसके बाद इस योजना पर कुल लागत करीब 3.40 लाख करोड़ तक आने का अनुमान है।
यूपी चुनावों में मिला था लाभार्थियों का साथ
माना जा रहा है कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुफ्त राशन की इस योजना का बीजेपी का सत्ता में दोबारा वापसी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ की सरकार के दूसरे कार्यकाल ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में मुफ्त राशन योजना को और तीन महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया था। यूपी सरकार का दावा है कि राज्य में इस मुफ्त राशन योजना से 15 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचता है। इस योजना के तहत हर किसी को प्रतिमाह 5 किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल मुफ्त में दी जाती है। विधानसभा चुनावों तक राज्य में इस अनाज के साथ सरकार, एक किलो चना, एक लीटर सरसों का तेल और नमक भी दिया करती थी। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी एक सूचना में चना, तेल और नमक के मुफ्त वितरण को बंद कर दिया गया।
विपक्ष का आरोप
उत्तर प्रदेश में जैसे ही चने, तेल और नमक के मुफ्त राशन के साथ वितरण पर रोक लगी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर काफी होहल्ला मचाया। विपक्ष का ये भी आरोप है कि सरकार की मानें तो उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ लोग आज इस हालत में पहुंच गए हैं कि वे दो जून की रोटी नहीं खा सकने की स्थिति में हैं। राज्य की कुल आबादी 24 करोड़ के आसपास है। यानी करीब 60 फीसदी से ज्य़ादा आबादी मुफ्त राशन की आस पर जीवन निर्वाह कर रही है। ये शर्मनाक स्थिति है। उन्हें इस हाल में पहुंचाने वाला कौन है ये सोचना का विषय है।
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