नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए एजेंसियां) : संसद में हिंडनबर्ग रिसर्च पर तमाम तरह के सवालों के बीच दावा किया जा रहा है कि अडानी समूह के कारोबार पर इस रिपोर्ट का कोई नकारात्मक असर नहीं पडेगा लेकिन ऐसा है नहीं। रिपोर्ट ने अडानी समूह के कारोबार पर असर डालना शुरू कर दिया है। फ्रांसीसी कंपनी ‘टोटल एनर्जीज़’ ने जून 2022 में अडानी न्यू इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड में 50 बिलियन डॉलर की हाइड्रोजन ऊर्जा परियोजना में निवेश करने की घोषणा पर अमल को फिलहाल रोक दिया है। कंपनी ने कहा है कि ऑडिट होने तक उसने निवेश की योजना पर रोक लगा दी है।
फ्रांसीसी कंपनी टोटल एनर्जीज ने कहा कि उसने अडानी की 50 बिलियन डॉलर की हाइड्रोजन ऊर्जा परियोजना में निवेश करने की योजना को तब तक के लिए रोक दिया है जब तक कि एक अमेरिकी फर्म द्वारा भारतीय समूह पर लेखा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाने के बाद शुरू किए गए ऑडिट के परिणाम सामने नहीं आ जाते।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, फ्रांसीसी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पैट्रिक पॉयने ने बताया कि टोटल एनर्जी की अडानी समूह के साथ साझेदारी की घोषणा पिछले साल जून में की गई थी, लेकिन उसने अभी तक किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
जून 2022 की घोषणा के अनुसार, टोटल एनर्जीज को अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) में 25 प्रतिशत इक्विटी लेनी थी, जो अडानी समूह की एक फर्म है। ये हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में 10 वर्षों में 50 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। टोटल एनर्जीज के सीईओ पैट्रिक ने कहा कि, जाहिर है, जब तक हमारे पास स्पष्टता नहीं होगी, तब तक हाइड्रोजन परियोजना पर निवेश की योजना को आगे नहीं बढ़ाय़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि, टोटल एनर्जीज के अडानी ग्रुप में 3.1 बिलियन डॉलर दांव पर लगे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए लेखा और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों के जवाब में (अडानी) समूह द्वारा शुरू किए गए ऑडिट के परिणाम की टोटल एनर्जीज प्रतीक्षा करेगा।
हाइड्रोजन उद्यम का जिक्र करते हुए सीईओ ने कहा कि, अभी तक किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।…. इसलिए ऑडिट आगे बढ़ने तक चीजों (परियोजना) को रोकना ठीक रहेगा।
टोटल एनर्जीज़ के अलावा भी झटके
ऐसा नहीं है कि टोटल एनर्जीज़ अकेला ऐसा उद्यम है जिसने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बार अडानी समूह से दूरी बनाई है। समाचार एजेंसी रॉय़टर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिभूति एवं निवेश आयोग के प्रवक्ता ने कहा है कि वो अडानी के खिलाफ आरोपों की समीक्षा करेगा और फिर आगे की कार्रवाई निर्धारित करेगा।
इससे पहले, बांग्लादेश पावर डवलपमेंट बोर्ड ने अडानी पावर लिमिटेड के साथ 2017 के बिजली खरीद समझौते में संशोधन की मांग की। बोर्ड ने झारखंड के गोड्डा जिले में कंपनी के संयंत्र से बिजली आयात करने के लिए अडानी पावर लिमिटेड के साथ किए गए बिजली खरीद समझौते में संशोधन का अनुरोध करते हुए एक पत्र भेजा है।
एक फरवरी को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई जो जॉनसन ने अडानी एंटरप्राइजेज से संबंधित ब्रिटेन की निवेश कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। वे पिछले साल जून में लंदन स्थित एलारा कैपिटल नामक इनवेस्टमेंट बैंक के निदेशक पद पर नियुक्त हुए थे।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया