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मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ क्यों बनी चर्चा का विषय, जानिए…

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कोलकाता (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज डेस्क ) :  मदर टेरेसा से जुड़े चैरिटी संगठन मिशिनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ के एफसीआरए (विदेशी सहायता नियामक कानून) रजिस्ट्रेशन को केंद्र सरकार ने रिन्यू करने से इनकार कर दिया है। हालांकि इसके पीछे सरकार की तरफ से कोई ठोस वजह नहीं बताई गई है। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई के पीछे कानून के नियम 13 को आधार बनाया गया है जिसमें गृह मंत्रालय को संस्था के बारे में कुछ नकारात्मक इनपुट मिलने की बात कही जा रही है।

गह मंत्रालय की तरफ से जो जानकारी समाने आई है उसके मुताबिक, मिशनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ के बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया गया है। मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि मिशनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के रिन्यूवल को 25 दिसंबर को मना कर दिया गया है। मंत्रालय ने इसके लिए एफसीआरए 2010 और फ़ॉरेन कॉंट्रीब्यूशन रेगुलेशन रूल्स (एफसीआरआऱ) 2011 के नियमों का कारण बताया है। लेकिन किन नियमों का उल्लंघन हुआ इसके बारे में गृह मंत्रालय ने कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई।

गृह मंत्रालय ने कहा कि मिशिनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के रिन्यूवल आवेदन पर विचार के दौरान कुछ प्रतिकूल इनपुट देखे गए और इसी कारण रिन्यूवल के आवेदन को ठुकरा दिया गया।

गृह मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट किया है कि मिशनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ के किसी भी बैंक खाते को फ्रीज करने का आदेश नहीं दिया गया है। अलबत्ता, भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया है कि, मिशिनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ ने स्वयं ही अपने बैंक खातो को फ्रीज़ करने का अनुरोध बैंक को भेजा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करके इस मामले में केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, केंद्र सरकार ने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने के साथ ही संस्था के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। हालांकि बाद में संस्था की तरफ से ही सफाई दी गई कि उसके बैंक खातों को फ्रीज़ नहीं किया गया है और उसके जरिए लगातार काम जारी है। संस्था ने अपने विदेशी मददगारों से आग्रह किया है कि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती वे उसमें किसी तरह का योगदान न दें।    

मिशिनरीज़ ऑफ चैरिटीज़ की तरफ से जानकारी दी गई है कि संस्था का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन 31 दिसंबर तक वैध है और केंद्र सरकार ने गत 25 दिसंबर को दी जानकारी में इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया है। इस रजिस्ट्रेशन के रिन्यू न हो पाने की स्थिति में संस्था को विदेशी फंडिंग नहीं मिल पाएगी।

आपको बता दें कि, केंद्र सरकार ने इसके पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल, ग्रीन पीस इंडिया, द लॉसर्स कलेक्टिव और फोर्ड फाउंडेशन जैसे संगठनों के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को निलंबित कर दिया था। नियमानुसार, इस रजिस्ट्रेशन को सिर्फ 180 दिनों यानी 6 महीनों तक ही निलंबित रखा जा सकता है। लेकिन केंद्र सरकार पैंडिंग कैंसिलेशन यानी रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया का हवाला देते हुए इसे प्रोसीजरल डिले बताती रही है।

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में करीब 20 हजार संस्थाओं को एफसीआरए के तहत पंजीकृत किया है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया    

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