नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए जे.पी. सिंह):
सौर ऊर्जा की अहमियत को अब पढ़े-लिखे लोगों के साथ-साथ सामान्य किसान भी समझने लगे हैं। अब हालात तेज़ी से बदल रहे हैं। देश के किसान अब सौर ऊर्जा का फायदा उठाना जानने लगे हैं। अब सुदूर देहातों में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है। दरअसल इसके पीछे कई तरह की वजहें हैं। बिजली की कमी रहने पर ये पेट्रोल-डीजल के मुकाबले बेहतर विकल्प है। क्योंकि पारंपरिक तौर पर खेतों में ख़ास कर सिंचाई के लिए और दूसरे कई कामों के लिए जिस तरह के साधनों का इस्तेमाल होता है उसकी लागत ज्यादा है साथ ही वो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले भी हैं। इसलिए अब खेती में भी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी हो रही है। खेती में प्रयोग होने वाले उपकरणों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा से बनी बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके चलते किसान अब बिजली न होने पर भी ट्यूबवेल, सबमर्सिबल समेत कई उपकरणों को चलाकर खेती पर आने वाले अनावश्यक भार को घटा सकते हैं।
सोलर पावर के लिए कुसुम योजना का उठाएं लाभ
सोलर पावर के इस्तेमाल के बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना के तहत, देश भर में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल / बिजली के पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की योजना की शुरुआत की है। कुसुम योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के द्वारा आपस में मिलकर चलाई जाने वाली योजना है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी पर कुसुम सोलर पंप दिए जाते हैं। इन पंपों का इस्तेमाल कर किसान अपने खेत में सिंचाई कर सकता है और बिजली भी उत्पन्न कर सकता है। केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत 2022 तक देश भर में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली और डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने का लक्ष्य रखा है। किसानों को कुसुम सोलर पंप वितरण योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी राज्यों पर निर्भर करती है। यह योजना देश के सभी राज्यों में लागू है। इस योजना तहत राज्यो में कहीं-कहीं पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी तो कहीं पर 90 फ़ीसदी तक की सब्सिडी मिल सकती है। कुसुम योजना पर आने वाले कुल खर्च में से केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपए का योगदान करेगी जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकार देगी। किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का सिर्फ 10 फीसदी खर्च ही उठाना होगा। कुसुम योजना के लिए करीब 45 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम बैंक लोन के माध्यम से किया जाएग।
बेकार-बंजर खेत बनेंगे सोलल पावर हाउस
इस योजना के तहत किसान बंजर और अनुपयोगी जमीन में सोलर प्लांट लगा कर सौर उर्जा उत्पादन कर सकते है। इसके तहत सरकार द्वारा बंजर भूमि पर 500 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा आधारित पावर हाउस स्थापित किए जाएंगे। ये बिजली संयंत्र स्टिल्ट्स पर खेती योग्य भूमि पर भी स्थापित किए जा सकते हैं। इससे पैदा हुई बिजली को पहले से तय रेट पर स्थानीय कम्पनियो द्वारा खरीद ला जाएगा। इस योजना के तहत 10,000 मेगावाट के सोलर इनर्जी प्लांट किसानों की बंजर भूमि पर लगाए जाएंगे। इससे किसानों को उनकी बंजर या बेकार जमीन से 25 वर्ष तक नियमित आय प्राप्त हो सकती है।
कैसे करें आवदेन
कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इच्छुक लाभार्थी को इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले योजना की सरकारी वेबसाइट https://kusum.online/ पर जाना होगा। यहां पर उसे मांगी गई सारी जानकारी को देना होगा। इसके होम पेज पर आपको पंजीकरण “Online Registration” का विकल्प दिखाई देगा इस विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे नाम ,पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि भरना होगा। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए है संबंधित जिले के कृषि विभाग कार्यालय में जाकर फार्म भरना होगा। जब सरकार किसानों को सौर ऊर्जा आधारित यंत्रों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन दे रही है और इसके लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है तो ऐसे में किसान भी इनन यंत्रों का इस्तेमाल कर अपनी खेती में लागत घटाने के साथ पर्यावरण को बेहतर बनाने में भी अपना योगदान दे सकते हैं।