नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : भारत मे आज संगीत जगत के एक युग का अंत हो गया। संगीत जगत की पहचान लता मंगेश्कर का निधन हो गया है। वे 92 वर्ष की थीं। पिछले कुछ समय से वे कोरोना और निमोनिया से पीड़ित थीं और मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पतला में भर्ती थीं। बीच में, एक बार उनकी तबियत में कुछ सुधार होने के संकेत मिले थे लेकिन कल उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और उन्हें फिर से वैंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया। लता मंगेश्कर के निधन के बाद देश और विदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राजनेता और समाज के विभिन्न वर्गों से आने वाले गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उकका अंतिम संस्कार राजकीय संम्मान के साथ किया जाएगा।
लता मंगेश्कर को पद्म भूषण, पद्म विभूषण और वर्ष 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें फिल्म जगत के प्रतिष्ठित सम्मान बाबा साहब फाल्के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। भारत में लता मंगेशकर को सबसे महान और सबसे सम्मानित पार्श्व गायिकाओं में से एक माना जाता था। भारतीय संगीत जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया’, ‘स्वर कोकिला’ और ‘क्वीन ऑफ मेलोडी’ जैसी उपाधियां भी दी गई थीं।
लता मंगेश्कर को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, चार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका पुरस्कार, दो फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के अलावा कई अन्य सम्मान भी दिए गए थे। 1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली वे पहली भारतीय बनीं थी। फ्रांस ने उन्हें 2007 में अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया था।
लता मंगेश्कर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को हुआ। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर मराठी संगीतकार होने के साथ ही एक थियेटर अभिनेता भी थे। लता मंगेश्कर ने पहला गाना छह वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ गाया। लता मंगेश्कर ने 36 भाषाओं में 30000 से ज्यादा गाने गाए। उन्होंने सबसे ज्यादा गाने हिंदी और मराठी में गाए। अपने शानदार करिअर में लता मंगेशकर ने विभिन्न पीढ़ियों के संगीत के महान लोगों के साथ काम किया। लता मंगेश्कर ने हिंदी सिनेमा में कई पीढ़यों की अदाकाराओ को अपनी आवाज दी। लाल किले पर पंडित जवाहर लाल नेहरू की मौजूदगी में उन्होंने ए मेरे वतन के लोगों वाला गीत गाया था जिसे सुनकर पंडित नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।
आठ जनवरी से थीं अस्पताल में भर्ती
लता मंगेश्कर को आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। बीच में, मंगेशकर की हालत में सुधार हुआ था और उनका वेंटिलेटर हटा दिया गया था लेकिन शनिवार को उनका स्वास्थ्य फिर बिगड़ गया था। उका निधन आज सुबह हुआ।
शोक की लहर
लता मंगेश्कर के निधन से देश-विदेश में शोक की लहर छा गई है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने संदेश में उनके निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, लता जी अपने पीछे वो शून्य छोड़ गई हैं जिसे भरा नहीं जा सकता है। आने वाली पीढियां उन्हें सांस्कृतिक महानता के प्रतीक रूप में देखेगी।
कांग्रेस नेता सोनिया गाधी ने लिखा कि, स्वर कोकिला लता जी की मधुर आवाज मौन होने पर आज स्तब्ध हूं। एक युग का अंत हो गया।
पाकिस्तान से भी लता मंगेश्कर के निधन पर तमाम शोक संदेश आ रहे हैं। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद ने कहा है कि, लता मंगेश्कर का निधन संगीत जगह की अपूरणीय क्षति है। वे संगीत की संस्था थीं।
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