लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र) : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों के फासले पर हैं। राज्य में राजनीति का रंग परवान पर है और समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच बहस का रंग लाल है। लाल रंग की मौजूदा बहस की शुरुवात करने वाले थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। प्रधानमंत्री मंगलवार को गोरखपुर में तीन मेगा परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए पहंचे थे। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी की लाल टोपी के बहाने अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा था कि लाल टोपी वालों को सिर्फ लाल बत्ती चाहिए। प्रधानमंत्री ने जिस रंग के सहारे समाजवादी पार्टी पर तंज कसा था, अखिलेश यादव ने उसी रंग में रंगा हुआ जवाब भी दिया है।
अखिलेश भी हुए लाल
लाल रंग तो आक्रामकता की पहचान होता है। अखिलेश यादव भी प्रधानमंत्री को कोसने में बेहद आक्रामक थे। उन्होंने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए लाल रंग की महत्ता को समझाने के बहाने शुरुवात की और फिर बीजेपी को घेर लिया। उन्होंने कहा कि, हर एक के जीवन में लाल रंग है। लाल रंग बदलाव का भी है। हमारे-आपके खून का रंग भी लाल है और लाल रंग सुंदरता को बढ़ाता है। अगर आप देवी देवताओं को भी देखोगे तो कहीं ना कहीं लाल रंग दिखेगा। हनुमान जी का रंग लाल है। सूरज का रंग लाल है। भावनाओं का रंग लाल है। भावनाएं बीजेपी नहीं समझती है। रिश्तों का रंग भी लाल है। और शायद रिश्ते बीजेपी नहीं समझती है। हमारे बाबा मुख्यमंत्री नहीं समझेंगे। वो चिलमजीवी लोग क्या समझेंगे। जो विकास नहीं कर पाए। यूपी की जनता यही जानना चाहती है आखिर विकास क्या किया है ?
रंग पर राजनीतिक तंज के इस खेल में समाजवादी पार्टी तो नए-नए प्रयोग करने में जुट गई है। नए नारे, शाब्दिक जुगलबंदी और तमाम दूसरे तरह के प्रयोग जारी हैं। इसी क्रम में पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया है कि, लाल का इंकलाब होगा, बाइस में बदलाव होगा।
पीएमओ के ट्विटर हैंडल पर
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से गोरखपुर की सभा में लाल टोपी वाले बयान को ट्वीट किया गया है। सोशल मीडिया में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया हुई है और कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के एकाउंट से इस तरह की राजनीतिक बयानबाजी उचित नहीं है। राजनीतिक छीटाकशी के लिए इसका इस्तेमाल कतई उचित नहीं है।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा था ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का बिना नाम लिए उनके परिवार पर हमला बोला। उन्होंने कहा था, लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है। लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए घोटालों के लिए। अपनी तिजोरी भरने के लिए। अवैध कब्जों के लिए। माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। उन्होंने कहा कि, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानी खतरे की घंटी हैं।
लाल बहस में योगी भी शामिल
लाल रंग चुनावी चर्चा का विषय पहली बार दरअसल 2018 में उत्तर प्रदेश के फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में बना था। फूलपुर के नवाबगंज में एक रैली के दौरान योगी आदित्यानाथ ने समाजवादी पार्टी पर लाल रंग के बहाने निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि, जब सूर्योदय होता है तब सूर्य का रंग केसरिया होता है और सूर्यास्त के समय रंग लाल होता है। समाजवादी पार्टी की टोपी भी लाल है और उसका भी अस्त होने का समय आ गया है। दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी हार गई थी।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया