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दिल्ली में लॉकडाउन नहीं, विशेषज्ञ लेंगे हालात का जायजा : केजरीवाल

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नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) :  दिल्ली में कोविड- संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को 20 हजार से ज्यादा कोविड संक्रमण के मामले सामने आए। संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 19.60 हो गया है। आशंका है कि संक्रमण के मामले कल तक 22 हजार और बढ़ जाएंगे। पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से 7 मरीजों की मौत हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल दिल्ली में लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीटिंग में विशेषज्ञों से सलाह मशविरा किया जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में कोविड संक्रमण की स्थिति काफी खराब है। केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें एहतियात बरतना होगा और सभी को मास्क पहनना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि लॉकडाउन लगेगा ?  हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते। लॉकडाउन नहीं लगेगा अगर आप मास्‍क पहनोगे। जरूरत न पड़े तो घर से बाहर न ही निकलो अभी थोड़े दिन। केजरीवाल अभी खुद भी कोविड संक्रमण से रिकवर हुए हैं। उन्होंने बताया कि, उनकी ताजा कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। उन्‍होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि, मुझे लगभग दो दिन बुखार रहा, उसके बाद मैं ठीक था।   

सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक

दिल्ली में सोमवार को डीडीएमए की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री ने बताय़ा कि. सोमवार को डीडीएमए की दोबारा मीटिंग है। उस मीटिंग में हम विशेषज्ञों के साथ फिर से स्थिति का जायजा लेंगे। इस बात के आसार हैं कि, बैठक में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के लेवल चार यानी रेड अलर्ट को लागू करने पर विचार हो सकता है। पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिनों तक 5 फीसदी से अधिक होने पर रेट अलर्ट को लागू किया जाता है। अगर ऐसा हुआ तो इससे दिल्ली में पूरी तरह कर्फ्यू यानी लॉकडाउन, गैर-जरूरी दुकानों, मेट्रो जैसी गतिविधियों पर रोक लग सकती है।

कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति

दिल्ली में शनिवार को 1,02,965 कोविड जांच की गई। इनमें 79,946 आरटी-पीसीआर जबकि शेष रैपिड एंटीजेन जांच शामिल हैं। लगभग 1,586 रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें से 375 रोगी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। इन 375  रोगियों में से 27 वेंटिलेटर पर हैं। सरकार ने कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। कई अस्पतालों को वापस कोविड अस्पतालों में तब्दील किया जा रहा है। ऑक्सीजन, आइसोलेशन और इलाज के लिए दूसरी जरूरी चीजों का बंदोबस्त किया जा रहा है। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि फिलहाल ओमिक्रॉन संक्रमण के कारण मरीजों को डेल्टा संक्रमण जैसी परेशानियां नहीं हो रही हैं लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

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