नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक और अनादर करने वाली टिप्णियों के साथ उनकी फोटो से छेड़डाड़ कर उसे इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं। हालांकि अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।‘बुल्ली बाई’ (bullibai.github.io) नाम के एक ऑनलाइन पोर्टल ने इन महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ करते हुए उनका इस्तेमाल कर एक नीलामी का आयोजन किया और उसके लिए अपमानजनक शब्द बुली का इस्तेमाल किया। कई महिलाओं ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
इस मामले पर कार्रवाई के बारे में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, गिटहब ने जानकारी दी है कि इस साइट को होस्ट करने के लिए जिम्मेदार यूजर को ब्लॉक कर गया दिया है। लेकिन आईटी मंत्री के इस मामले पर बयान ने गुस्से में आग में घी डालने का काम किया।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, गिटहब द्वारा ऐप को हटाना ही पर्याप्त नहीं है। दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमाम सामाजिक संगठनों ने ऐसे लोगों और प्लेटफ़ॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इनका कहना है कि, एक सभ्य समाज में ऐसी ओछी और टुच्ची किस्म की हरकतों के लिए कोई जगह नही होनी चाहिए और कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस मामले की सबसे ज्य़ादा शिकायतें ट्विटर के जरिए की गई हैं। इंटरनेट पर इस तरह की हरकत का शिकार ज्यादातर वे महिलाएं हुई हैं जो बीजेपी और सरकार के खिलाफ विभिन्न मंचों पर मुखर रही है। इनमें कई पत्रकार, एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म द वायर से संबंद्ध पत्रकार इस्मत आरा ने ट्विटर के जरिए बताया है कि बुल्ली बाई पर उनके फोटो को भी अपलोड किया गया है। उन्होंने इसके खिलाफ पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का आग्रह किया है। इस्मत ने अपने शिकायती पत्र में माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले कंटेंट शेयरिंग प्लेटफॉर्म गिटहब को भी नामजद किया है।
इस्मत ने अपनी शिकायती पत्र में कहा है कि, सार्वजनिक अभिव्यक्ति का प्लेटफॉर्म होने की वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल समाज के स्त्री विरोधी वर्गों द्वारा महिलाओं विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं को नीचा दिखाने और उन्हें अपमानित करने के लिए नहीं किया जा सकता। उन्होंने शिकायत में आगे कहा कि, ये देखना वास्तव में निराशानजक है कि नफरत फैलाने वाले ये लोग बिना किसी डर के मुस्लिम महिलाओं को निशाना बना रहे हैं और उन्हें दंडित भी नहीं किया जा रहा है।
जेएनयू के लापता छात्र मुजीब की मां की फोटों भी इस साइट पर डाली गई है और उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की गई है।
मुंबई पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन ने एक समाचार एजेंसी को बताया है कि उसने इस प्लेटफॉर्म की जांच शुरू कर दी है और उसे फिलहाल डिलीट दिया गया है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में कुछ अज्ञात लोगों ने सुली डील्स ( Sulli deals) नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की ऐसी ही आपत्तिजनक और अनादरसूचक तस्वीरें अपलोड की थीं। समाचार चैनल, एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, सुल्ली डील्स ऐप के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले में मुंबई पुलिस से खुद ही मामले की जांच करने का आग्रह किया है। प्रियंका चतुर्वेदी ने बताया कि, मैंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का कई बार आग्रह किया जो सुल्ली डील्स जैसे प्लेटफार्म के जरिए महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। शर्म की बात है कि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने एक ट्वीट में ये जानकारी भी दी है कि, पश्चिम क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन, मुंबई ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में ट्विटर हैंडल धारकों और गिटहब पर होस्ट किए गए ‘बुली बाई’ ऐप डेवलपर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस ने कहा कि उसने मामले का संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। एक अधिकारी ने बताया है कि मुंबई साइबर पुलिस ने आपत्तिजनक सामग्री के संबंध में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया