लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा रह चुके और पडरौना के राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी दामन थाम लिया है। बीजेपी मुख्यालय में उन्हें केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया गया।
आरपीएन सिंह ने जिस तरह कुछ ही घंटों के भीतर कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा उससे साफ जाहिर होता है कि ये सब कुछ पहले से नियोजित था। पहले से ही इस बात की खबरें तो थी कि वे बीजेपी में शामिल होने के लिए प्रयासरत हैं। प्रियंका गांधी ने भी उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सक्रियता में हाशिए पर फेंक रखा था।
बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते हुए आरपीएन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में काम करना चाहते हैं।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश में खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि उनकी पत्नी को पार्टी से टिकट दिया जा सकता है।
इस बीच, कांग्रेस ने आरपीएन सिंह के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, कांग्रेस पार्टी जो लड़ाई लड़ रही है, वो बहादुरी से ही लड़ी जा सकती है… इसके लिए साहस, ताकत की जरूरत है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि कायर लोग इसे नहीं लड़ सकते। जो लोग भी इस लड़ाई को नहीं लड़ सकते हैं उनके लिए पार्टी में जगह ही कहां है। ऐसी लोगों को पार्टी की तरफ से शुभकामनाएं।
इससे पहले, आरपीएन सिंह ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा था कि, आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जय हिंद। उन्होंने देश, जनता और पार्टी की सेवा का मौका देने के लिए धन्यवाद कहते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।
आरपीएन सिंह पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में कुशीनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य को चुनाव ने हराया था।
आरपीएन सिंह एक समय राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा हुआ करते थे और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी थे। उत्तर प्रदेश में कुछ समय पूर्व राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें राज्य में योगी आदित्य नाथ सरकार ने कैबिनेट मंत्री का पद दिया है। इसी तरह से राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
कितना महत्वपूर्ण है आरपीएन सिंह का कांग्रेस छोडना
आरपीएन सिंह का संबंध पडरौना के राजघऱाने से है। वे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल थे। मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सक्रियता के बीच आरपीएन सिंह खुद को काफी उपेक्षित महसूस कर रहे थे। प्रियंका गांधी के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा ही दिखाई दे रहे थे। आराधना, कांग्रेस के पुराने नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं। बीजेपी से पिछड़े वर्ग के कई नेता पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में गए हैं। आरपीएन सिंह पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाने पहचानेे चेहरे हैं और वे पिछड़े वर्ग से आते हैं। उनकी मां भी पहले चुनाव लड़ चुकी है लेकिन वे चुनाव हार गई थीं। बीजेपी को कोशिश आरपीएन सिंह के बहाने पिछड़े वर्ग में पार्टी के बारे में एक सकारात्मक छवि बनाने की हैै।
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