चार्वी अरोड़ा
विज्ञान, तकनीक, गणित की शिक्षा और तकनीकी उद्यमिता के क्षेत्र में आयशा बो का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला है। इससे अमेरिका के नवप्रवर्तन, वैश्विक नेतृत्व क्षमता और अमेरिका-भारत संपर्कों एवं भागीदारी को भी मज़बूती मिलती है।
एरोस्पेस इंजीनियर आयशा बो के लिए “आकाश तक सीमा होना” का मुहावरा लागू नहीं होता- आकाश तक ही क्यों रुकें, जब आप सितारों तक उड़ान भर सकते हो?
आयशा बो ने एक कम्युनिटी कॉलेज से अपनी शैक्षिक यात्रा शुरू की और एरोस्पेस एवं स्पेस सिस्टम इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। वह एक प्रौद्योगिकी कंपनी स्टेमबोर्ड और शैक्षिक तकनीक कंपनी लिंगो की संस्थापक और सीईओ हैं। बो स्ट्रैटेजिक टेक्नोलॉजीज़ के साथ-साथ स्टेम विषयों, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा में विशेषज्ञ हैं। स्टेम शिक्षा और प्रौद्योगिकी उद्यमिता के क्षेत्र में बो का काम अगली पीढ़ी को महत्वपूर्ण कौशल से लैस करने में मदद करता है जिससे अमेरिका की नवाचारी अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलती है।
वह ब्लू ऑरिजिन के न्यू शेपर्ड प्रक्षेपण यान पर उड़ान भरने जा रही हैं। न्यू शेपर्ड ऐसा प्रक्षेपण यान है जिसे अंतरिक्ष पर्यटन के लिए फिर से इस्तेमाल में लाया जा सकता है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष की मान्य सीमा रेखा कार्मन लाइन को पार करने वाली सातवीं अफ्रीकी-अमेरिकी महिला बनने वाली हैं। बो ने 2024 में अमेरिकी विदेश विभाग के स्पीकर प्रोग्राम के तहत चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और पेशवरों के साथ संवाद में स्टेम विषयों को लेकर अपनी यात्रा और जुनून को साझा किया।
एरोस्पेस और आउटरीच प्रयासों में उनकी उपलब्धियों ने अंतरिक्ष अन्वेषण और तकनीकी उन्नति में अमेरिकी नेतृत्व पर प्रकाश डाला और साथ ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा को मज़बूती देने में राष्ट्र की प्रतिबद्धता को प्रकट किया।
प्रस्तुत है उनसे साक्षात्कार के अंश:
क्या आप हमें स्टेमबोर्ड और लिंगो की स्थापना के बारे में विस्तार से बता सकती हैं? इन कंपनियों को शुरू करने के बारे में आपको किस बात से प्रेरणा मिली?
मैंने अपनी कंपनियों की स्थापना उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए की जिनका सामना मुझे बड़े होने के दौरान करना पड़ा। स्टेमबोर्ड को बनाने की प्रेरणा मुझे मेरे उस अनुभव से मिली जब मैंने शुरू में स्टेम क्षेत्रों (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित ) के लिए अपनी योग्यता को नहीं पहचाना।
मुझे जो सबसे बड़ी चुनौती दिखाई देती है, वह है खुद को सही मायनों में समझे बिना और आपके सामने आने वाले बेशुमार अवसरों को जाने बिना कॅरियर चुनने का दबाव। मैं ऐसी जिंदगी जीना चाहती थी जो ऐसी चीज़ों को खारिज करती हो। दृढ़ता के साथ मैंने एरोस्पेस इंजीनिरिंग में अंडरग्रेजुएट डिग्री हासिल की, स्पेस सिस्टम इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया और नासा ( नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) में काम करने का अपना सपना पूरा किया। स्टेमबोर्ड की स्थापना से लेकर दूसरी कंपनी शुरू करने तक का हर कदम एक बार पहुंच से बाहर लग रहा था, जब तक कि मैंने इसे आगे बढ़ाने का फैसला नहीं किया।
आज के दौर की सबसे रोमांचक तकनीकों के बारे में बताइए और वे भविष्य को किस तरह का आकार देती नज़र आती हैं?
11 साल पहले जब मैंने स्टेमबोर्ड की स्थापना की थी तब यह डेटा साइंस, डेटा एनेलेटिक्स और जनरेटिव एआई जैसी उभरती हुई तकनीकों पर केंद्रित एक इंजीनियरिंग कंपनी थी। आज ये क्षेत्र उद्योगों को आकार दे रहे हैं, फिर भी कई लोगों की पहुंच से बाहर हैं-विशेषतौर पर मिडिल और हाई स्कूल के विद्यार्थियों के लिए।
उद्योगों की क्षमता और उपलब्ध शिक्षा के बीच इस फासले को समझते हुए हमने इन तकनीकों को हर जगह सीखने वालों के लिए सुलभ बनाने का लक्ष्य रखा, चाहे उनके स्कूल के संसाधन कैसे भी हों। यही दृष्टि लिंगो की नींव बन गई, जो डेटा साइंस, एनेलेटिक्स और एआई जैसे विषयों को कवर करने वाले स्वगतिशील कारोबार का आधार बन गई। जैसे-जैसे यह समाज डिजिटल होता जा रहा है, यह कौशल लोगों को अवसरों की समानता उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अंतरिक्ष की अपनी आगामी यात्रा के सिलसिले में आप किस बात को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित हैं? आगामी वर्षों में व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा के विकास की संभावनाओं को लेकर आपकी क्या सोच है?
जो लोग ऐसा देखते हैं या सोचते हैं, मैं उन लोगों को प्रेरित करने के लिए वास्तव में बहुत उत्साहित हूं। नवाचार, नई तकनीक का विकास या यहां तक कि मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला पहला इंसान बन कर, “मैं भी इसका हिस्सा बनना चाहती हूं।”
व्यावसायिक अंतरिक्ष उड़ान बड़े खास तरीकों से विकसित हो रही है। हम कार्मन रेखा को पार करने से आगे नासा के स्पेसएक्स व्यावसायिक चालक दल जैसे मिशनों और कार्यक्रमों तक जा चुके हैं जो मानव को अंतरिक्ष की कक्षा में और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशनों तक भेज रहे हैं।
यह प्रगति सिर्फ नए क्षितिजों तक पहुंचने के बारे में नहीं है बल्कि यह ब्रह्मांड के कुछ सबसे दुरूह वातावरणों में मानव अस्तित्व के लिए जरूरी तकनीकों को विकसित करने के बारे में है। अंतरिक्ष में पौधों को उगाने जैसे नवाचारों के दूरगामी परिवर्तनकारी परिणाम होंगे।
आप आगामी वर्षों में स्टेम विषय क्षेत्रों में अमेरिका–भारत सहयोग को किस रूप में विकसित होते हुए देखती हैं?
इस क्षेत्र में जबरदस्त संभावनाएं हैं। वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में भारतीयों का उल्लेखनीय योगदान है। इनमें कई सम्मानित भारतीय प्रमुख अमेरिकी तकनीकी कंपनियों में सीईओ जैसे शीर्ष पदों पर हैं।
भारत क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई जैसे क्षेत्रों में प्रगति को आगे बढ़ाने वाले अग्रणी शोध संस्थानों का ठिकाना है। जब भारत और अमेरिका सहयोग करने के लिए साथ आते हैं, तब संभावनाएं भी वास्तव में असीम होती हैं। उनकी विशेषज्ञता, नवाचार और साझा दृष्टिकोण के बीच तालमेल एक ऐसा वातावरण बनाता है जहां अभूतपूर्व प्रगति की सिर्फ संभावना ही नहीं है, बल्कि यह अपरिहार्य है।
स्टेम विषय क्षेत्रों से जुड़े उभरते उद्यमियों को आप क्या सलाह देंगीं?
हम इतिहास के एक अनोखे पड़ाव पर हैं जहां डिजिटल समाधान वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुत गहरे पैठ बना रहे हैं। इससे महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए उल्लेखनीय अवसर पैदा होते हैं।
मेरा ध्यान लोगों को छोटे से शुरू करने और बड़ा होने के लिए सशक्त बनाने पर है। 11 साल पहले मैंने जिस कंपनी को शुरू किया, वह वास्तव में व्यवसाय का मेरा तीसरा प्रयास था। मैं उद्यमिता को एक कौशल के रूप में देखती हूं- जो अभ्यास के साथ विकसित होता है। जितना अधिक आप इसका अभ्यास करेंगे, उतने ही कुशल और आत्मविश्वासी व्यवसायी नेतृत्वकर्ता के रूप में आप पहचाने जाएंगे। लक्ष्य फौरी तौर पर सफलता का नहीं है, बस शुरुआत करने का है। समय के साथ आप अपनी मनचाही सफलता को हासिल करने के लिए वांछित अनुभव को प्राप्त कर लेंगे।
(साभार – स्पैन पत्रिका हिंदी )