नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए सुहासिनी ) : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई से सरकार की हीलाहवाली जारी है। अलबत्ता, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जरूर कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। नोटिस जारी करते हुए चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों की याचिका में यौन शोषण के गंभीर आरोप हैं।
अदालत में क्या हुआ ?
पहलवानों की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और नरेंद्र हुड्डा ने खंडपीठ के समक्ष याचिका लगाई थी। सिब्बल ने कहा कि ये पहलवानों का मामला है और वे धरने पर बैठे हैं। सात महिलाओं ने शिकायत की है और उनमें एक नाबालिग भी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और महिला पहलवानों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ याचिका दायर की गई है। सुनवाई के दौरान सिब्बल ने दलील दी कि कमेटी की एक रिपोर्ट है जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। चीफ जस्टिस ने सिब्बल से केस के कागजात दिखाने को कहा। सिब्बल ने कहा कि कृपया नाबालिग की शिकायत देखें। युवा लड़की ने स्वर्ण पदक जीता था और यहां तक कि प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए पुलिस कर्मियों पर भी मुकदमा चल सकता है। दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।
याचिका के अनुसार, पहलवानों ने कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में अत्यधिक देरी का हवाला दिया और अदालत से पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
राजनीतिक रसूख वाले ‘दागदार नेता‘ बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह की पृष्ठभूमि एक हिंदूवादी नेता की रही है। वे राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। वे इस मामले के मुख्य अभियुक्तों में शामिल रहे हैं और जेल में भी रहे हैं। 90 के दशक के अंत में बीजेपी की नजर उन पड़ी। वे बीजेपी के अलावा समाजवादगी पार्टी से भी सांसद रह चुके हैं। इस समय वे उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं। साल 2011 से वे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर अंडरवर्ल्ड से संबंधों के भी आरोप रहे और वे टाडा जैसे कानून के तहत जेल में बंद भी रहे। उनका अब तक आपराधिक रिकॉर्ड काफी स्याह रहा है।
बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी देवी सिंह गोंडा ज़िला पंचायत अध्यक्ष हैं और बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर सीट से विधायक हैं। उनके एक और बेटे शक्ति सिंह ने 22 वर्ष की उम्र में 2004 में आत्महत्या कर ली थी। अपने सोसाइड नोट में शक्ति सिंह ने इसके लिए अपने पिता बृजभूषण को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा था कि, ‘आप अच्छे पिता साबित नहीं हो सके। आपने हम भाई-बहनों की सुख-सुविधा का कोई ख्याल नहीं रखा। आपने हमेशा अपने बारे में ही सोचा और हमारी कोई चिंता नहीं की… हम लोगों को अपना भविष्य अंधकार में ही दिख रहा है। इसलिए अब जीने का कोई औचित्य नहीं है।’
हत्या का कबूलनामा
वर्ष 2022 में एक वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुद ही हत्या करने की बात कबूली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके चुनावी हलफनामे में चार आपराधिक मामलों का ज़िक्र था, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास) जैसा गंभीर अपराध भी शामिल था।
कुश्ती में तानाशाही और शोषण का आरोप
कुश्ती संघ से जुड़े हर छोटे-बड़े फैसले पर बृजभूषण शरण सिंह की मुहर ही अंतिम मानी जाती है। कई बार जजों और मैच रेफरी को भी उनके गुस्से का शिकार बनना पड़ता था। बताया जाता है कि बृजभूषण शरण सिंह जिन आयोजनों में खुद उपस्थित नहीं हो पाते थे उन पर कैमरों के जरिए नजर रखते थे।
क्या हैं आरोप ?
देश की प्रतिष्ठित महिला पहलवानों नें उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। विनेश फोगाट ने दावा किया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने 1000 महिला पहलवानों का शोषण किया है।
आपको बता दें कि जंतर-मंतर पर मौजूदा धरने से पहले पहलवानों ने 18 जनवरी से धरना शुरू किया था लेकिन मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत और जांच का आश्वासन पाने के बाद धरने को स्थगित कर दिया गया था। लेकिन तीन महीने ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर पहलवानों ने फिर से धरना शुरू किया है। इस धरने में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया जैसे पहलवान भी शामिल हैं।
बीजेपी कार्रवाई से क्यों कतराती है ?
जानकारों के अनुसार, बृजभूषण शरण सिंह, अवध क्षेत्र की कम से कम 10 लोकसभा सीटों पर खासा प्रभाव रखते हैं इसीलिए बीजेपी उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से बच रही है।
फोटो सौजन्य – सोशल मीडिय़ा