नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए सुहासिनी ) : ट्विटर में इन दिनों जो कुछ चल रहा है उसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ये सब इस सोशल मीडिय़ा प्लेटफॉर्म के खात्मे की तरफ बढ़ते कदम तो नहीं हैं? खात्मा न भी तो भी ट्विटर की साख पर बट्टा तो लग ही रहा है। ट्विटर ऐसा पहला प्लेटफॉर्म है जिस पर खुद उसके खात्मे के कयास चर्चा में है। पिछले कई दिनों से # RIPTwitter ट्रेंड कर रहा है। प्लेटफॉर्म पर मौजूद यूजर्स दूसरे प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो रहे हैं। नए मालिक एलन मस्क इन गतिविधियों को लेकर कितने लापरवाह हैं इस बात का अंदाजा उनकी उस प्रतिक्रिया से समझा जा सकता है जो उन्होंने # RIPTwitter ट्रेंड के जवाब में दी। उन्होंने जवाब में एक मीम ट्वीट किया। इसमें एक कब्र के पत्थर पर ट्विटर का लोगो लगा हुआ था।
— Elon Musk (@elonmusk) November 18, 2022
कंपनी में भगदड़ का माहौल
एलन मस्क ने जब ट्विटर की कमान संभाली तो ऑफिस में घुसते समय उनके हाथ में एक वॉशबेसन था। संकेत साफ था ट्विटर उनके लिए एक थूकदान जैसा था। आते ही सीईओ से लेकर तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को निकाल बाहर किया। रोजाना छंटनी का दौर चला। सभी को दफ्तर आना था, वर्क फ्रॉम होम खत्म। कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया। दौर थोड़ा थमा तो कर्मचारियों के इस्तीफों की झड़ी लग गई। ट्विटर में इस समय कोई भी पेशेवर या सुलझा हुआ व्यक्ति काम करने को तैयार नहीं। दरअसल मस्क ने जो किया आज वे काट भी वही रहे है।
साख पर सवाल
मस्क की कार्य संस्कृति ने ट्विटर की साख पर बट्टा लगा दिया। हालत ये है कि, प्रतिष्ठित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लोग धड़ाधड़ छोड़ रहे हैं। मस्तोदोन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से लोग तेजी के साथ जुड़ रहे हैं। ब्लू टिक जैसे वैरीफाइड अकाउंट के लिए पैसे की मांग ने ट्विटर को विशुद्ध धंधे में तब्दील कर दिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप जैसे विवादित शख्सियत की ट्विटर पर बहाली ने कई तरह के सवाल पैदा किए है। कुल मिलाकर ट्विटर की साख दागदार बन गई है।
खतरे ही खतरे
ट्विटर को हैक किया जा सकता है। ट्विटर पर दुनिया के तमाम बड़े नेताओं और सेलिब्रिटीज़ के पर्सनल अकाउंट हैं और उनके लाखों फॉलोअर्स भी हैं। किसी भी हैकर के लिए ये आसान शिकार हैं। ऐसा होते हुए पहले भी देखा गया हैं। हैकरों से जूझना एक सतत लड़ाई है। साइबर सिक्योरिटी 21वीं सदी की कंपनियों के रोज़मर्रा के ऑपरेशन का अभिन्न हिस्सा है। ट्विटर की साइबर सिक्योरिटी की प्रमुख ली किसनर ने पिछले हफ्ते कंपनी छोड़ दी। अभी ये पता नहीं है कि उनकी जगह किसी को रखा जाएगा या नहीं। ट्विटर के पास इस वक्त कोई कम्युनिकेशन टीम भी नहीं है ताकि उनसे जानकारी ली जा सके।
एक और बड़ा खतरा सर्वरों की सुरक्षा को लेकर है। अगर किसी ने नाराज़गी में सर्वर को नुकसान पहुंचाया या फिर रूटीन मेंटेनेंस के दौरान भी किसी की गलती से कुछ गलत हुआ तो सर्वर खराब हो सकता है। बगैर सर्वर के ट्विटर का कोई अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा। ट्विटर ही क्यों फेसबुक, इंस्टाग्राम या यहां तक कि हमारी पूरी डिजिटल दुनिया सर्वर के बगैर खत्म हो सकती है।
एलन मस्क विशुद्ध कारोबारी है। भारत की जबान में कहें तो विशुद्ध बनिया। धंधे को सिर्फ नफे-नुकसान से ही आंकते हैं। मीडिया या सूचना संसाऱ की बारीकियों और धैर्य की समझ उनमें नहीं होगी ये तो कहना गलत होगा लेकिन फिर भी सूचना संसार की कार्यशैली दूसरे धंधों से काफी हद तक अलग होती है। ट्विटर की कमान संभालते ही मस्क ने सबसे पहला काम खर्चों पर लगाम लगाने के नाम पर किया। ढेर सारे लोग निकाल दिए गए। ब्लू टिक के नाम पर पैसों की वसूली शुरू कर दी गई। साख या प्रतिष्ठा का प्रश्न उनके लिए गौण रहा। वे हमेशा ट्विटर से कमाई और मुनाफे के तर्कों को गढ़ते और सोचते रहे। उन्होंने ये आशंका जताई कि ट्विटर ने कमाई नहीं की तो वो दिवालिया हो सकता है। संकेत साफ था, कमाओ और चलो। न कमाओ तो दुकान बंद कर दो।
दुनिया जानती है कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स ने ट्विटर को खरीदा तो उसके दिमाग में कुछ न कुछ तो रहा होगा। कोई भी किसी ब्रांड को बंद करने के लिए तो नहीं खरीदेगा लेकिन ट्विटर में मस्क ने जो कुछ किया उससे कहीं ऐसा नहीं लगा कि ट्विटर किसी पेशेवर के हाथ में गया है और शुरुवाती उथल-पुथल के बाद सब कुछ स्मूथ हो जाएगा। ट्विटर में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। भारतीय मूल के श्रीराम कृषणन ट्विटर के संचालन में मस्क के मुख्य सलाहकार के तौर पर काम संभाल रहे हैं यानी ट्विटर में जो कुछ भी चल रहा है उसके पीछे दिमाग कृष्णन का ही कहा जा रहा है। और आज ट्विटर को संभालना और उसे प्रतिष्ठित करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया