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खीरी कांड पर यूपी पुलिस की जांच से सुप्रीम कोर्ट क्यों है नाखुश ?

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नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : लखीमपुर खीरी कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी जताई है। सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा है कि उनकी जांच अदालत की अपेक्षा के अनुरूप नहीं है और बेहतर हो कि इसे अब किसी दूसरे राज्य के हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराया जाए।।

देश की सर्वोच्च अदालत की इस टिप्पणी से जाहिर होता है कि अदालत को इस कांड की जांच की अब तक की प्रगति से घोर असंतोष है और साथ ही उसे इस जांच पर भरोसा भी नहीं है। तभी अदालत ने किसी दूसरे हाईकोर्ट के जज से मामले की निगरानी की बात कही।  

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गरिमा प्रसाद को शुक्रवार तक मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

https://80d65c66e4bbbaa8e70d38be8beaf42c.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-38/html/container.html पीठ ने आरोप पत्र दाखिल किए जाने तक जांच की निगरानी करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राकेश कुमार जैन या जस्टिस रंजीत सिंह के नाम का सुझाव दिया है। पीठ ने कहा कि मामले की जांच उनकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।  शीर्ष अदालत ने वीडियो साक्ष्य के संबंध में फॉरेंसिक रिपोर्ट में देरी का भी संज्ञान लिया। कोर्ट ने ये भी सवाल उठाया कि आखिर अभी तक आरोपियों के मोबाइल फोन क्यों जब्त नहीं किए गए हैं।

मुख्य न्यायाधीश रमन्ना ने कहा कि, हमने स्टेटस रिपोर्ट देखी है। उसमें कुछ भी नहीं है। पिछली सुनवाई के बाद हमने 10  दिन का समय दिया था। अभी तक लैब रिपोर्ट्स नहीं आई हैं।

पीठ ने कहा कि, ऐसा प्रतीत होता है कि विरोध करने वाले किसानों पर हमला करने को लेकर दर्ज केस को किसानों की मौत के बाद हुई हिंसा के मामले के साथ जोड़कर हल्का किया जा रहा है। न्यायाधीशों ने जोर देकर कहा कि दोनों मामलों को अलग रखा जाना चाहिए और गवाहों के बयान अलग से दर्ज किए जाने चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इन एफआईआर को मिलाकर एक आरोपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

लखीमपुर में पिछले महीने तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

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