Homeगेम चेंजर्सजानिए, सीसीडी की सीईओ मालविका हेगड़े क्यों हैं, एक गेम चेंजर...?

जानिए, सीसीडी की सीईओ मालविका हेगड़े क्यों हैं, एक गेम चेंजर…?

spot_img

बेंगलुरू ( गणतंत्र भारत के लिए सुहासिनी ) : आपने कैफे कॉफी डे का नाम तो जरूर सुना होगा। उसके सीईओ ने दो साल पहले कंपनी पर भारी कर्ज छोड़ कर आत्महत्या कर ली थी। एक समय ऐसा लग रहा था कि लोकप्रिय क़ॉफी शॉप चेन खत्म हो जाएगी और उसके हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और कहानी पलट गई। कहानी की नई सक्रिप्ट लिखने वाली कोई और नहीं बल्कि मृतक सीईओ की पत्नी हैं। उन्होंने न सिर्फ कंपनी को वापस ट्रैक पर लाने का प्रयास किया बल्कि कंपनी पर कर्ज के बोझ को भी काफी हद तक कम कर दिया। गणतंत्र भारत के गेम चेंजर्स कॉलम में कहानी नालविका हेगड़े की।

मालविका के पति वीजी सिद्धार्थ भारत की सबसे बड़ी कॉफी चेन कंपनी कैफे कॉफी डे इंटरप्राइजेज लिमिटेड ( सीसीडीईएल) के सीईओ थे। दिसंबर 2019 मे मेंगलोर के पास नदी से उनका शव बरामद हुआ था। उन्होंने अपने सोसाइड नोट में आत्महत्या के लिए माफी मांगने के साथ इसकी वजह कंपनी पर कर्जदाताओं के भारी कर्ज और पार्टनरो के दबाव को बताया था।

सिद्धार्थ की मौत के बाद पूरा देश सकते में थे। कैफे कॉफी डे एक लोकप्रिय कॉफी चेन है जो शहरों में खासा लोकप्रिय है। देश भर में सीसीडी के 572 कैफे, 333 सीसीडी वैल्यू एक्सप्रेस केयॉस्क और 36326 वेंडिंग मशीनें हैं।

सिद्धार्थ की मौत के कई महीनों के बाद दिसंबर 2020 में उनकी पत्नी मालविका हेगड़े को औपचारिक रूप से कंपनी का सीईओ बनाया गया। मालविका के सामने अपने पति के सपनों को जिंदा रखने के साथ कर्ज और कंपनी की माली हालत से निपटने की बहुत बड़ी चुनौती थी। कंपनी पर 7000 करोड़ रुपए का भारी कर्ज था और निरुत्साहित कर्मचारियों की एक बड़ी फौज।

बताया जाता है कि, मालविका ने अपनी कंपनी के कर्मचारियो को एक इंटरनल नोट में कंपनी की माली हालत के बारे में बताया और मुश्किल दौर में कंपनी के साथ बने रहने के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने ये भी कहा कि कंपनी से ही हम सबका वजूद है और आज कंपनी के उनके 100 प्रतिशत समर्पण की जरूरत है। सीईओ से प्रोत्साहन पाकर कर्मचारियों ने कमान संभाल ली और अपने विख्याक क़ॉफी ब्रांड को वापस ट्रैक पर लाने में जुट गए।

मेहनत ने रंग दिखाया और कंपनी ने पहले साल में ही कुल कर्ज में से करीब 4000 करोड़ रुपए की रकम को चुकता कर दिया। 31 मार्च को 2019 को कंपनी के ऊपर 7000 करोड़ रुपए का कर्ज था जो 31 मार्च 2020 को घट कर 3909 करोड़ हो गया। मालविका ने औपचारिक रूप से कंपनी के सीईओ पद की कमान दिसंबर 2020 में संभाली उसके पहले वे अनौपचारिक रूप से कंपनी का कामकाज देख रही थीं।

सीईओ के रूप में सीसीडी की ड्राइविंग सीट पर बैठने के साथ मालविका ने कंपनी को वापस पटरी पर लाने के लिए पूरी जान झोंक दी। साल 2021 की सालाना रिपोर्ट में मार्च 31 2021 तक कंपनी के ऊपर कर्ज की रकम घटकर 1779 करोड़ रुपए रह गई। 2 साल में 7000 करोड़ के कर्ज को घटा कर 2000 करोड़ से भी कम पर लाना बड़े बड़ों के बस की बात नहीं लेकिन मालविका ने इस चुनौती को न सिर्फ स्वीकारा बल्कि कर के भी दिखाया। मालविका के नेतृत्व में चलने वाला सीसीडी जल्दी ही कर्जमुक्त एवं फलता – फूलता उद्यम बनने की राह पर अग्रसर है।

आज जब देश की करोड़ों-करोड़ रुपए की रकम हजम करके पूंजीपति देश से बाहर भाग जाते हैं और सरकार और देश की जनता के मेहनत की कमाई गड्ढे में जा रही है वैसे में मालविका हेगड़े ने जिस तरह का उदाहरण देश के सामने पेश किया है वो अतुलनीय है। वास्तव में वे गणतंत्र की सच्ची गेमचेंजर हैं।  

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

- Advertisment -spot_img

Recent Comments